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Search Result : "पारंपरिक सांस्कृतिक संबंध"

संबंधों में मजबूती के लिए पीएम ने की सऊदी अरब के शाह से चर्चा

संबंधों में मजबूती के लिए पीएम ने की सऊदी अरब के शाह से चर्चा

सऊदी अरब के साथ संबंधों को नई गति देने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वहां के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के साथ व्यापार, निवेश बढ़ाने और आतंकवाद की नकेल कसने सहित सामरिक सहयोग का विस्तार करने समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
चर्चाः बराक ने दिखाया भारत को रंग | आलोक मेहता

चर्चाः बराक ने दिखाया भारत को रंग | आलोक मेहता

बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन बैठकों के फोटो इस तरह प्रचारित हुए, जैसे उनकी तरह के मित्र दुनिया में नहीं हैं। लेकिन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र भाई के ‘फ्रेंड’ बराक ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के रूप में एक बार फिर भारत को पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा कर दिया।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति दोषी, विपक्ष ने छेड़ा महाभियोग का अभियान

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति दोषी, विपक्ष ने छेड़ा महाभियोग का अभियान

दक्षिण अफ्रीका की शीर्ष अदालत ने आज अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने निजी घर की मरम्मत कराने और उसे खुबसूरत बनाने के लिए सरकारी खजाने से लिए गए लाखों डॉलर अदा नहीं करने की वजह से संविधान का उल्लंघन किया है जिसके बाद विपक्ष ने सांसत में पड़े जुमा के खिलाफ महाभियोग का अभियान छेड़ दिया।
चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनना हो या पाकिस्तान के साथ संबंध या सूफी सम्मेलन, भाजपा सरकार जोर-शोर से पांच कदम आगे बढ़ाती है। कुछ घंटे या कुछ दिन-सप्ताह बाद उसी पार्टी और सरकार के दो कदम पीछे जाते दिखाई देते हैं। यह लुकाछिपी के खेल जैसा है।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सवः प्रधानमंत्री ने की कार्यक्रम की तारीफ

विश्व सांस्कृतिक महोत्सवः प्रधानमंत्री ने की कार्यक्रम की तारीफ

श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा आयोजित विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की। यमुना के तट पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत के पहले दिन बारिस के बावजूद कार्यक्रम सराहनीय रहा।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
कैंसर एवं पारंपरिक औषधि शोध के लिए भारत-अमेरिका ने मिलाए हाथ

कैंसर एवं पारंपरिक औषधि शोध के लिए भारत-अमेरिका ने मिलाए हाथ

पारंपरिक औषधि से संबंधित पहली भारतीय-अमेरिकी कार्यशाला आज नई दिल्ली में आरंभ हुई। यह कार्यशाला कल चार मार्च तक चलेगी। इस कार्यशाला का आयोजन पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई उस बातचीत के आधार पर की जा रहा है जिसमें दोनों नेताओं ने पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में मिलकर काम करने की प्रतिबद्ता जताई थी।
सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

ढोल, मृदंग, वीणा, हारमोनियम, तबला, बांसुरी सहित करीब चालीस से अधिक वाद्य यंत्रों की एक साथ गूंज के साथ नृत्य, शांति, ध्यान और अन्य कलाओं की प्रस्तुति पूरी दुनिया के लिए एक आकर्षण होगी। इस आकर्षण का हिस्सा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश दुनिया की जानी-मानी हस्तियां भी होगी। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था 'द आर्ट ऑफ लिविंग’ की ओर से आयोजित होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक सम्मेलन में 155 से अधिक देशों के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। भारत में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सम्मेलनों का आयोजन तो समय-समय पर होता रहा है लेकिन अपने तरह के अनूठे कार्यक्रम के आयोजन पर लोगों की खास नजर भी है। क्योंकि भारत में आध्यात्मिक आयोजन के पीछे कोई न कोई राजनीतिक मंशा भी छिपी रहती है। हाल ही में श्रीश्री रविशंकर को पद्म विभूषण सम्मान से सरकार ने सम्मानित भी किया। हालांकि इससे पहले श्रीश्री ने यह पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
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