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जयश्री रॉय की कहानी: दुर्गंध

जयश्री रॉय की कहानी: दुर्गंध

18 मई को हजारीबाग (बिहार) में जन्म। हिंदी में स्वर्ण पदक के साथ गोवा विश्वविद्यालय से एम ए। अनकही, तुम्हें छू लूं जरा, खारा पानी, कायान्तर (कहानी संग्रह)। औरत जो नदी है, साथ चलते हुए और इकबाल (उपन्यास)। तम्हारे लिए (कविता संग्रह)। आकाशवाणी से रचनाओं का नियमित प्रसारण। कहानियों के लिए युवाकथा सम्मान (सोनभद्र) 2012
मीणा बने रहेंगे एसीबी चीफ, हाईकोर्ट ने नहीं लगाई रोक

मीणा बने रहेंगे एसीबी चीफ, हाईकोर्ट ने नहीं लगाई रोक

उपराज्‍यपाल की ओर से नियुक्‍त भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो के प्रमुख मुकेश कुमार मीणा के दफ्तर आने और कामकाज में दखल पर रोक लगाने की दिल्‍ली सरकार की मांग पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि मीणा कानून के मुताबिक काम करते रहेंगे।
मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

दिल्ली में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एंटी करप्‍शन ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख मुकेश मीणा की नियुक्ति को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके बाद दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद और गहरा गया है।
कहानी: श्री कृष्ण उवाच

कहानी: श्री कृष्ण उवाच

दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ सौ साल की हो गई है। यह सिर्फ प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि मासूम प्रेम की अभिव्यक्ति है। उसने कहा था गुलेरी जी ने सन 1915 में लिखी थी। सौ साल बाद भी इस कहानी की न रुमानियत खत्म हुई न मासूमियत।
कहानी - आंटी

कहानी - आंटी

दिनेश पाठक चर्चित कथाकार हैं। सभी शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। कुछ कहानियों का अन्य भाषा में अनुवाद भी हुआ है। अब तक उनके नौ कथा संग्रह, दो उपन्यास और एक संपादित पुस्तक प्रकाशित हुई है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में - शायद यह अंतहीन, धुंध भरा आकाश, जो गलत है, इन दिनों वे उदास हैं, रात के बाद, अपने ही लोग, पारुल दी, नस्ल और देखना एक दिन शामिल है।
फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

यह तो तय है कि फिल्मकार पुरानी जड़ों की ओर लौट रहे हैं। 60-70 के दशक की ‘परंपराएं’ और ‘संस्कार’ उन्हें लुभा रहे हैं। हमारी अधूरी कहानी इस बात के प्रमाण देती है। एक प्रेम कहानी को फिल्माने के हजारों तरीके होते हैं। फिर भी यह तरीके तयशुदा ही है। दो नायक एक नायिका वाला यह त्रिकोण भी ऐसा ही है।
दिल्‍ली की जंग: एसीबी चीफ को चार्ज लेने से रोका, गृह सचिव को हटाया

दिल्‍ली की जंग: एसीबी चीफ को चार्ज लेने से रोका, गृह सचिव को हटाया

दिल्‍ली के एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो पर कब्‍जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल की ओर से नियुक्‍त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्‍ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्‍त आयुक्‍त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्‍ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्‍य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्‍यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्‍कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्‍ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।
कहानी - तकाजा

कहानी - तकाजा

अब तक कुल इक्कीस पुस्तकें प्रकाशित। तेरह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास, 3 नाटक और 2 वैचारिक लेखों का संग्रह। कुछ कहानियों का फ्रेंच, स्पैनिश, अंग्रेजी, जर्मन, तेलुगु, मलयालम, तमिल, गुजराती, उर्दू, नेपाली, मराठी, मगही आदि भाषाओं में अनुवाद। कुछ कहानियों के टीवी रूपांतरण टेलीविजन के विभिन्न चैनलों पर प्रसारित। नाटकों का आकाशवाणी से प्रसारण और विभिन्न संस्थाओं द्वारा विभिन्न शहरों में मंचन। राधाकृष्ण पुरस्कार, विजय वर्मा कथा सम्मान, बिहार सरकार राजभाषा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा सर्वश्रेष्ठ चयन के आधार पर युवा लेखक प्रकाशन सम्मान, बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, झारखंड साहित्य सेवी सम्मान, स्वदेश स्मृति सम्मान, आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान 2013 आदि।
चेखव की कहानी:  छुई-मुई

चेखव की कहानी: छुई-मुई

अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।
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