पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर अपनी चिंता जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का विकास धीमा पड़ने की वजह नोटबंदी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। लाखों नौकरियां खत्म हो रही है और निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है।
केंद्रीय कैबिनेट ने विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड को समाप्त किए जाने को मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक कार्यों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दिए जाने संबंधी नीति का भी अनुमोदन कर दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस सप्ताह ब्रिटेन की यात्रा पर जा रहे हैं जहां वह भारत की बुनियादी ढांचा क्षेत्र जरूरतों के लिए मसाला बॉन्ड बाजार को प्रोत्साहन देंगे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 10 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति एकत्रित करने के लिए निवेशों के जटिल जाल, असुरक्षित ऋण, संपत्ति और शेयर खरीद के साथ ही कृषि आय के झूठे दावों का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने आज नई दिल्ली की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि सिंह ने 10.30 करोड़ रुपये की संपत्ति एकत्रित की जो कि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 192 प्रतिशत अधिक है।
उत्तराखंड की नई भाजपा सरकार ने प्रदेश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश एफडीआई को आकर्षित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उसने पांच-छह देश्ााो से संपर्क साधा है।
आस्ट्रेलिया सरकार की कोष प्रबंधक कंपनी ने भारत की दिग्गज कंपनी अडाणी की क्वींसलैंड में 21 अरब डालर की विवादास्पद कोयला खान परियोजना में निवेश को लेकर रूचि दिखायी है।
देश की साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। ब्याज दरें घटने से इन कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निवेशकों को निवेश के लिए तहे दिल से आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। औद्योगिक विकास के लिए विधि-व्यवस्था और औद्योगिक शान्ति सहित अन्य मापदंडों पर भी सरकार पूरी तैयारी के साथ उनका साथ देगी।
दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल सात ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लेकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।