बंगलुरू में एक तंजानियाई छात्रा की कथित तौर पर पिटाई और कपड़े उतारे जाने की घटना पर अभिनेत्री सोनम कपूर ने कहा कि नस्ली भेदभाव और असहिष्णुता का मसला केवल भारत का नहीं है बल्कि यह पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में योग गुरू रामदेव को भाषण देने के लिए आमंत्रित करने पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्याथी परिषद (एबीवीपी) ने रामदेव को बुलाने का स्वागत किया है जबकि वामपंथी छात्र संगठन इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
योग गुरू रामदेव ने आज संकेत दिया कि वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का अपना दौरा रद्द कर सकते हैं, जहां उन्हें मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं विश्वविद्यालय ने एक छात्र समूह की आमंत्रण वापस लेने की मांग ठुकरा दी है।
पहले युद्ध और प्रेम में सबकुछ जायज ठहराया जाता था। अब आर्थिक-व्यापारिक हित शायद सबकुछ जायज कर देते हैं, यहां तक कि युद्ध और प्रेम को भी। बल्कि इनके बारे में यू-टर्न को भी। अच्छा हुआ कि अपने घरेलू जनाधारों में उबाल भरने के लिए दिखावे के जंगी स्वांग में भड़काऊ बयानबाजी के घोड़ों पर सवार भारत और पाकिस्तान की हुकूमतों ने अपनी भड़काऊ बयानबाजी के ऊंचे घोड़ों से उतरकर एक-दूसरे से पहले पेरिस में प्रधानमंत्री के स्तर पर, फिर क्रमश: बैंकॉक और इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेशी मंत्रियों के जरिये एक-दूसरे से बातचीत शुरू करने के लिए हाथ मिलाया।
दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए विश्व के 196 देशों के बीच पेरिस में ऐतिहासिक हो गया है। लंबी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद भारत, चीन, अमेरिका समेत छोटे-बड़े तमाम देश इस समझौते पर राजी हुए। इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 2 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे रखने का लक्ष्य रखा गया है।
जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर हुई बातचीत में इस सप्ताह जलवायु परिवर्तन पर एक मजबूत समझौता हासिल करने के लिए अपनी निजी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
पेरिस में आयोजित जलवायु सम्मेलन से इतर भारत ने एक बहुचर्चित ‘सौर गठबंधन' की घोषणा कर दी। ऊर्जा की जरुरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उप्लब्ध करवाने की दिशा में काम करने का यह बडा न्यौता उन 121 देशों के लिए है, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। इस परियोजना में सरकार की योजना शुरुआती पूंजी के रुप में 400 करोड रुपए डालने की है।