पेरिस में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद की इस बुराई से लड़ने के लिए फौरन एकीकृत वैश्विक प्रयास किये जाने की आवश्यक्ता है। तुर्की में ब्रिक्स देशों के नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में तुरंत एकीकृत वैश्विक प्रयासों की आज जितनी जरूरत है, वैसी पहले कभी नहीं थी।
तुर्की के पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर अंताल्या में दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए विश्व की 20 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने पेरिस हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया।
एक साल से कम समय के अंदर फ्रांस दूसरी बार बड़े आतंकी हमले की जद में आ गया है। शुक्रवार की रात पेरिस में कम से कम छह स्थानों पर हुई गोलीबारी और बम धमाकों में कम से कम 128 लोग मारे गए हैं। हमलों की जिम्मदारी आईएसआईएस ने ली है।
स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की कम से कम छह जगहों को हत्या के मंजर में तब्दील कर दिया। यह एक आम शुक्रवार की रात थी जो लहूलूहान हो गई। पेरिस के लोगों ने बार-बार इसे जनसंहार का शब्द दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच करीब नौ अरब पौंड के व्यापारिक समझौते हुए। अपने दौरे में पीएम ने ब्रिटेन के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। पीएम ने उद्योग जगत की हस्तियों को संबोधित कर भारत के आर्थिक विकास के लिए अपने सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की। पीएम का दौरा हालांकि अब तक सफल रहा है लेकिन पीएम मोदी के विरोध के स्वर अब भी उठ रहे हैं। हालिया दिनों में भारत में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन सहित करीब 46 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन को पत्र लिखकर मोदी के समक्ष इन मुद्दों को उठाने की मांग की है।
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास के मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं है।
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आई एम) के साथ शांति समझौता अशांत उत्तर पूर्व के, खासकर मणिपुर के टंखुल नगा बहुल इलाके में जहां उपरोक्त गुट का आधार है, एक हिस्से में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके बाद अभी बहुत-सी जटिलताएं और चुनौतियां बाकी हैं। एनएससीएन (आईएम) का जनाधार नगालैंड के पड़ाेसी राज्यों में ज्यादा होने की वजह से असम और मणिपुर के एक तबके में यह आशंका बलवती हो रही है कि उनके राज्य के नगा बहुल इलाकों की बाबत किस कीमत पर फैसला हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नगा शांति समझौते पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों के साथ इस विषय पर विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के अहंकार को दर्शाता है। मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की आवाज दबाई जा रही है। पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों में कांग्रेस का शासन है।