हाल ही में भारतीय मूल के करीब सैकड़ों अमेरिकी आईटी पेशेवर इन मुद्दों पर चिंता प्रकट करने के लिए सिलिकॉन वैली में एकत्रित हुए थे और उन्होंने मुद्दे पर सांसदों तथा नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता महसूस की।
विश्व के चोटी के पहलवान अगले महीने शुरू होने वाली दूसरी पेशेवर कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) में भाग लेंगे और आयोजकों का दावा है कि यह पिछली बार की तुलना में अधिक बड़ी और बेहतर होगी।
बीजिंग ओलंपिक में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के आठ साल बाद अखिल कुमार और जितेंद्र कुमार रिंग में बतौर पेशेवर मुक्केबाज वापसी करने को तैयार हैं। दोनों मुक्केबाज राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई चैम्पियनशिप पदकधारी हैं। दोनों इनफिनिटी आप्टिमल सोल्यूशंस (आईओएस) से करार करने के करीब हैं जो भारत में मौजूदा डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक चैम्पियन विजेंदर सिंह के प्रोमोटर हैं।
देश के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने वकालत के पेशे में गैर पेशेवर आचरण पर कड़ाई से रोक लगाने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को वकालत के पेशे से हमेशा के लिए निकाल बाहर करना चाहिए।
पेशेवर बॉक्सर विजेंदर सिंह डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक सुपर मिडिलवेट चैम्पियन बन गए हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप पर (98-92, 98-92, 100-90) के स्कोर से जीत हासिल की। प्रो-बॉक्सिंग में विजेंदर की ये लगातार 7वीं जीत है। इससे पहले हुए सभी छह मुकाबलों में विजेंदर ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को नॉकआउट किया था। लेकिन कैरी होप के खिलाफ इस बार वो ऐसा नहीं कर सके।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारंपरिक रूप से लोगों को खुद से जोड़ने के साथ-साथ अब आधुनिक दौर के अनुसार हाईटेक होता जा रहा है। इसके तहत संघ अपनी वेबसाइट के माध्यम से अपनी पहुंच को व्यापक करने के साथ आईटी पेशेवरों तथा शहरों में रहने वाले युवाओं को भी स्वयं से जोड़ रहा है।
ओलंपिक में क्वालीफाई करने का अतिरिक्त मौका सुनिश्चित करने को बेताब विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता विकास कृष्ण (75 किग्रा) कल अंतरराट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की प्रो मुक्केबाजी फाइनल नाइट में कीनिया के निकसन अबाका से भिड़ेंगे।
दुनिया में मुक्केबाजी के पर्याय मुहम्मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्हें पार्किन्संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।
अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।