सुवर्णा ने कहा, "मेरे साथ जैसा जून में हुआ था वैसी ही घटना मेरे साथ कल फिर से घटित हुई। दिव्यांग होने के बाद भी मुझे ऊपर की बर्थ दी गई जबकि मैंने विशेष श्रेणी (दिव्यांग कोटे) से टिकट लिया था।"
रियो डे जेनेरियो में जैवलिन थ्रो के एफ-46 इवेंट में 63.97 मीटर जैवलिन फेंककर देवेंद्र ने एथेंस ओलंपिक के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता था।
देवेंद्र झाझरिया रियो पैरालंपिक खेलों में भाला फेंक की एफ-46 इवेंट में गोल्ड जीता था। देवेंद्र ने इससे पहले भी 2004 के एथेंस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था।