वरिष्ठ पत्रकार, एक्टिविस्ट, परमाणु मुद्दे पर जनपषधर लेखनी से अलग मुकाम बनाने वाले प्रफुल्ल बिदवई को आज लोदी रोड के विद्युत शवदाहगृह में दी गई भाव-भीनी श्रद्धांजलि
लोकनायक जय प्रकाश नारायण का स्मारक बिहार के लाला का टोला गांव में बनवाने के केंद्रीय मंत्रिपरिषद के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। लोकनायक के परिजन तथा समर्थकों ने बलिया के जेपी नगर को उनका असल जन्मस्थान बताते हुए केंद्र सरकार के निर्णय को बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए उठाया गया कदम करार दिया है।
सनी देओल की फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' का कथित ट्रेलर हाल ही में काफी विवादों में रहा था। अब इसे लेकर वाराणसी में सनी देओल और इस फिल्म निर्देशक चंद्र प्रकाश दि्वेदी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। दोनों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
पुरानी राजनीति में पगे पर्यवेक्षक बार-बार पूछ रहे हैं कि लालू प्रसाद अपने अहम और जनाधार की आशंकाओं को ताक पर रखकर नीतीश के नाम पर राजी कैसे हो गए। लालू के निजी हावभाव भरमाने वाले भले रहे हों, सार्वजनिक तौर पर उनके वक्तव्य पिछले लोकसभा चुनावों में हार के बाद पिछले उपचुनावों के वक्त से ही भाजपा विरोधी संयुक्त मोर्चे के लिए प्रतिबद्धता के रहे हैं।
वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
कारपोरेट क्षेत्र का एक हिस्सा और भारत के वित्त मंत्रालय में एक प्रभावशाली तबका विदेशी दान दाताओं के मामले में ज्यादा अनुदार रवैये की उपयोगिता के बारे में संशय रखता है। उनकी राय में सामाजिक क्षेत्र में विदेशी दाता पूंजी के प्रति ज्यादा अनुदार रुख प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हतोत्साहित करेगा। ऐसी कारपोरेट राय की अगुवाई नारायण मूर्ति करते हैं। देखें नृपेंद्र मिश्र की पंचायती क्या रंग लाती है।
मॉरीशस की पहली महिला राष्ट्रपति अमीना गुरीब फाकिम रसायन विज्ञान की जानी-मानी प्रोफेसर हैं और सेहत व सौंदर्य से जुड़े उत्पादों के निर्माण में जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल पर शोध करती हैं।
एनडीटीवी में सीनियर एक्जक्यूटिव एडिटर अभिज्ञान प्रकाश टेलीविजन की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। वह न तो बाजार की होड़ देखते है और न ही ब्रेकिंग न्यूज के फेर में पड़ते हैं। महंगाई, गांव, गरीब, किसान अभिज्ञान की खबरों के केंद्र में रहते हैं। इसके पीछे वे मानते हैं कि इन पर चर्चा तो खूब होती है लेकिन जमीन पर काम कुछ भी नहीं होता। ‘न्यूज प्वाइंट’ और ‘मुकाबला’ जैसे चर्चित कार्यक्रमों में अभिज्ञान इन मुद्दों को बखूबी उठाते भी हैं। आउटलुक के साथ विशेष बातचीत में उन्होने मीडिया, सरकार और समाज को लेकर बातचीत की पेश है प्रमुख अंश-
ब्रिटेन के चुनावों की असली कहानी दो समांतर रुझानों की कहानी है। एक रुझान केंद्रीकरण और स्थिरता की तरफ है। दूसरा रुझान विकेंद्रीकरण की ओर है। कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने में पहले रुझान का हाथ तो स्पष्ट है लेकिन दूसरे रुझान ने भी उसे उतनी ही ताकत पहुंचाई। स्कॉटलैंड में स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को मिली अपूर्व सफलता, उस तरह की सफलता जैसी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली है, दूसरे रुझान की ताकत का संकेत है। यह विश्व के सबसे पुराने राजनीतिक संघ यूनाइटेड किंगडम के ढांचे को पुनर्परिभाषित करेगा। इस दूसरे रूझान ने स्कॉटलैंड में लेबर पार्टी की जड़ खोद दी और वेल्स में भी स्थानीय दल प्लेड सिमरू को मिले वोटों ने लेबर पार्टी के ही वोट काटे। जब विकेंद्रीकरण के हामी स्थानीय दलों ने मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी का जनाधार और एक हद तक वैचारिक आधार भी चुरा लिया तो सत्तारूढ कंजरवेटिव पार्टी को फायदा मिलना ही था।