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Search Result : "प्रकाश राज"

हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा लगातार विवादों में आ रही है। गौरतलब है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। अब इस मुद्दे पर कथाकार नीलाभ अश्क और विष्णु खरे ने भी आपत्ति जताई है -
प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश ने हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। उन्होंने शुक्रवार की सुबह अपने फेसबुक वॉल पर इस संबंध में लिखा था। यह पुरस्कार उन्हें मोहनदास कृति पर वर्ष 2010-11 में मिला था।
उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा सोशल मीडिया पर विवादों में आ गई है। अब उदय प्रकाश के भी गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। शाम तक तो उदय प्रकाश की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे थे लेकिन उसके बाद गड़े मुर्दे उखड़ गए। खबर लिखे जाने तक उदय प्रकाश के पक्ष में आवाजें नहीं आई थीं-
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
हिंसा भड़काकर राज करना चाहते हैं मोदी : राहुल

हिंसा भड़काकर राज करना चाहते हैं मोदी : राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कांग्रेस को महात्मा गांधी और विनोबा भावे के बताए सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलने वाली पार्टी करार देते हुए आरोप लगाया कि इसके विपरीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा कराकर देश पर राज करना चाहते हैं।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, जेल में ही रहेंगे चौटाला

नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, जेल में ही रहेंगे चौटाला

उच्चतम न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दोषसिद्धि एवं दस साल की कैद के खिलाफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पी. चौटाला की अपील खारिज की। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में उनके बेटे और दस अन्य को भी कोई राहत देने से इनकार किया।
बेटे की फिल्म से वापसी की ख्वाहिश

बेटे की फिल्म से वापसी की ख्वाहिश

होंठो से छू लो तुम गीत के साथ ही अभिनेत्री अनिता राज भी अमर हो गईं थीं। फिल्मों में बेशक अनिता राज ने लंबी और कामयाब पारी नहीं खेली मगर इस एक गाने की बदौलत अनिता राज का चेहरा भूलना लोगों के लिए लगभग नामुमकिन होता है।
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