भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच सही तरीके से होती तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। शाह ने कहा कि जिस अमानवीय तरीके से उन्हें कालकोठरी में कैद कर लिया गया जहां रहस्यमय परिस्थितियों में उनका असमय ही निधन हो गया। इसकी जांच सही तरीके से हाेनी चाहिए थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थों से जुड़ी गतिविधियां एक दूसरे से जुड़ी हैं और देश के सामाजिक जीवन को तबाह करने वाली इन बुराइयों की कड़ियों को तोड़ने के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अफ्रीका महाद्वीप के तीन देशों घाना, आईवरी कोस्ट और नामीबिया का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ अफ्रीकी देशों की यात्रा कर सकते हैं। घाना में भारतीय उच्चायुक्त के. जीवा सागर की ओर से आयोजित स्वागत समारोह के दौरान मुखर्जी ने यहां कल भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी के संभावित दौरे का संकेत दिया।
दिल्ली में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किए जाने का मुद्दा आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। एक ओर जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बारे में दिल्ली सरकार द्वारा पारित करवाए गए विधेयक पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है वहीं आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तीन अफ्रीकी देशों - घाना, आयवरी कोस्ट और नामीबिया की अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में आज घाना की राजधानी अकरा पहुंचे। अफ्रीका तक पहुंच की नीति के तहत राष्ट्रपति की यह आधिकारिक यात्रा हो रही है जिसमें व्यापार, शिक्षा और इन देशों के साथ रिश्ते बेहतर बनाने पर जोर रहेगा। घाना और आयवरी कोस्ट की यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली यात्रा है जबकि कोई भारतीय राष्ट्रपति दो दशक बाद नामीबिया की यात्रा पर जाने वाला है।
वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।
दुनिया में मुक्केबाजी के पर्याय मुहम्मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्हें पार्किन्संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।