सरकार ने मंगलवार को माना कि नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसई) की 263 कंपनियों और बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) की 2015 कंपनियों में एक भी महिला निदेशक नहीं हैं।
वर्ष 2008 के मुंबई हमले में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में 35 साल की कैद भुगत रहे लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने जेल में अपना संस्मरण लिखा है। इसमें उसने लश्कर से अपने जुड़ाव और मुंबई तथा डेनमार्क हमले की तैयारियों के बारे में लिखा है।
पटना के गांधी मैदान में आयोजित भाजपा के कार्यकर्ता समागम में ही पार्टी नेताओं की अंदरुनी लड़ाई सामने आ गई। एक तरफ पार्टी के एक सांसद नाराज हो गए तो दूसरी ओर स्थानीय सांसद ने समागम में हिस्सा नहीं लिया। इस साल बिहार विधानसभा के चुनाव में जीत की उम्मींद के साथ भाजपा ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यकर्ता समागम का आयोजन किया था जिसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि भारत में व्यापार की पुरानी और लंबी परंपरा रही है लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापारियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। कल यहां एक संस्थान के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हड़प्पा काल से हम व्यापार कर रहे हैं, लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापार करने वालों -वैश्यों को काफी नीचे रखा गया है। उन्हें शूद्रों से ठीक ऊपर तीसरे क्रम पर रखा गया है।
सोनाक्षी का मानना है कि नारी सशक्तीकरण का मतलब महिलाओं को रोजगार और ताकत देना है न कि इसका संबंध कपड़ों संबंधों से होना चाहिए जैसा कि इस वीडियो में कहा गया है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग-अलग जेलों में आज तड़के दी गई चार फांसियों के साथ पिछले तीन महीने में फांसी पर लटकाए जाने वालों की संख्या 52 हो चुकी है और अगले एक हफ्ते में 40 और लोगों को फांसी दी जानी है। कल और परसों देश भर के विभिन्न जेलों में क्रमशः 9 और 12 सज़ायाफ्ता कैदियों को फांसी दी गई थी। इस तरह ताबड़तोड़ दी जा रही फांसियों के मद्देनज़र वहां के मीडिया, सामाजिक कार्यकताओं और आम लोगों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे है।
मुंबई नगर निकाय की नयी विकास योजना का कड़े शब्दों में विरोध करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आज आरोप लगाया कि मुंबई का इंच-इंच बेचने का प्रयास किया जा रहा है और मराठी भाषी लोगों की कीमत पर विकास किया जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि मार्च 2014 तक के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है।