उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में छावनी परिषद क्षेत्र में ठोस कचरे का सही तरह से निस्तारण नहीं करने के एक मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं मथुरा छावनी परिषद के विरुद्ध क्रमशः पांच लाख और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
विश्व धरोहर और दुनिया में मोहब्बत की बेमिसाल धरोहर माना जाने वाला ताजमहल यमुना नदी में गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग होता जा रहा है। समय समय पर मड पैक और विभिन्न तत्वों का घोल चढ़ाकर इसके संरक्षण के प्रयास किये जाते है लेकिन कीड़ों के प्रकोप की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की पहल अभी तक नहीं देखी गई है।
पटना में गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी का बड़ा फैसला लिया गया है। यह राशि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
ग्रीनपीस इंडिया द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट और सूचना के अधिकार के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति पर बनी रिपोर्ट बेहद भयावह है। इसमें भारत के किसी भी शहर में डब्लूएचओ और दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण निंयत्रित करने के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं किया है। 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया द्वारा बनी इस रिपोर्ट का नाम ‘वायु प्रदूषण का फैलता जहर’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म इंधन को जलाना बताया गया है।
चीन भारी वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बीजिंग समेत अपने 20 शहरों की आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच अधिकारियों की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया।
बढ़ते प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि खूबसूरती पर भी असर पड़ता है। इससे त्वचा खराब हो जाती है। उसपर खारिश, समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां और लचीलेपन में कमी, काले दाग धब्बे देखने में आते है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज प्रोजेक्ट के एक विश्लेषण में चिंताजनक नतीजे सामने आये हैं। इसके अनुसार, 2015 में बाहरी वायु प्रदूषण से सबसे अधिक मौत भारत में हुई है जो चीन से भी अधिक है। इस अध्ययन से पता चलता है कि 1990 से अबतक लगातार भारत में होने वाले असामायिक मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में भारत में 3283 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई जबकि इसकी तुलना में चीन में 3233 लोगों की मौत हुई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब में सरकार की निष्क्रियता और पराली जलाने के चलन को नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि भयानक प्रदूषण स्तर दिल्लीवासियों के लिए वस्तुत: मौत की सजा है जिसकी वजह से उनके जीवन के तीन साल कम किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कई निर्देश पारित किए जिनमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समितियों का गठन करना भी शामिल है। न्यायाधिकरण ने उत्तर भारत के चार राज्यों से कहा कि पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें ताकि पर्यावरणीय आपातकाल से निपटा जा सके।