Advertisement

Search Result : "प्रवासी हिंदी साहित्य"

कला संस्थाओं का बजट घटाया

कला संस्थाओं का बजट घटाया

नए बजट में कला संस्थाओं के बजट में कटौती हो गई है। सरकार को लगता है कि कलाकारों को पैसों की कुछ खास जरूरत नहीं होती। वे कला को ही ओढ़-बिछा कर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।
हिंदी साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय सम्मान

हिंदी साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय सम्मान

ढींगरा फाउंडेशन-हिंदी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा वषऱर्ष 2014 के लिए है। इस के अंतर्गत यह पुरस्कार उषा प्रियंवदा (अमेरिका), चित्रा मुद्गल और ज्ञान चतुर्वेदी (भारत) को प्रदान किए जाएंगे।
बजट में रहेगा आर्थिक सुधारों पर ज़ोर

बजट में रहेगा आर्थिक सुधारों पर ज़ोर

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के तहत भारत की नई सरकार आगामी बजट में सुधारवादी उपाय पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने एवं भारत को उत्पादन के लिए पसंदीदा स्थान बनाने के लिए भी अनुकूल प्रयास किए जाएंगे।
जेएनयू में आदिवासी साहित्य की गूंज

जेएनयू में आदिवासी साहित्य की गूंज

भारतीय साहित्य में आजकल एक नई धारा चर्चा में है। आदिवासी साहित्य नाम की इस धारा के लेखक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जुटे और उन्होंने आदिवासी जीवन से जुड़े मुद्दों को साहित्य में उठाने की वकालत की।
भालचंद्र नेमाड़े को ज्ञानपीठ पुरस्कार

भालचंद्र नेमाड़े को ज्ञानपीठ पुरस्कार

मराठी के जाने माने साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नेमाड़े देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले 55वें साहित्यकार हैं। इससे पहले पांच दफा यह पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था।
प्रवासी पक्षी , सियासी दाने

प्रवासी पक्षी , सियासी दाने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र में सत्ता संभालने के बाद से प्रवासी भारतीयों पर खास ध्यान रखे हुए हैं। इसकी झलक सात से नौ जनवरी तक गुजरात के गांधीनगर में हुए भव्य प्रवासी सम्मेलन में दिखाई दी। घोषणाएं तो खूब हुईं लेकिन इसके जवाब में प्रवासी निवेश कितना आएगा, इसे लेकर दुविधा ज्यों की-त्यों बरकरार है।
जयपुर में जुटे साहित्य के दिग्गज

जयपुर में जुटे साहित्य के दिग्गज

जयपुर धीरे-धीरे देश की साहित्य‌िक राजधानी बन गया है। देश का सबसे बड़ा साहित्योत्सव यहां 21 से 25 जनवरी के बीच आयोजित किया गया जिसमें भारत ही नहीं पूरी दुनिया के चर्चित साहित्यकार शामिल हुए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement