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Search Result : "प्रशांत किशोर"

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
पीके के हसीन प्रस्ताव ने बिछाए कांटे

पीके के हसीन प्रस्ताव ने बिछाए कांटे

पीके17 यानी प्रशांत किशोर 2017 के तारणहार बनकर केवल कांग्रेसियों को टिकट के सपने ही नहीं दिखा रहे बल्कि चीफ मिनिस्टर की कुर्सी के प्रस्ताव लेकर बीजेपी के नेताओं के पास भी जा रहे हैं। पीके महाराज की इस पहल से वरिष्ठ कांग्रेस नेता ही नहीं गांधी परिवार के सदस्य भी नाराज हैं।
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
न भरोसेमंद चेहरा और न जातीय समीकरण, कैसे लगेगी यूपी में कांंग्रेस की नैय्‍या पार

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कांग्रेस आलाकमान ने देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तर प्रदेश को साधने के लिए बहुत से प्रयास किए हैं लेकिन उनमें से कोई अब तक कारगर नहीं हुआ है। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पार्टी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पकड़ा है।
प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर नोटिस

प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर नोटिस

चुनाव प्रबंधन कंपनी आईपैक चलाने वाले प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। 2014 में एसोसिएशन ऑफ सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस नामक कंपनी के प्रमुख प्रशांत किशोर थे।
जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

जाने-माने वकील और पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पूरी तरह बेइमान होने का आरोप लगाया और कहा कि आप प्रमुख अपने व्यक्तिगत हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं।
‘कांग्रेस के 15-20 नेताओं को जबरन भेजो छुट्टी पर’

‘कांग्रेस के 15-20 नेताओं को जबरन भेजो छुट्टी पर’

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में उपजी बेचैनी और पार्टी में बड़े बदलाव की मांग के बीच एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं को अनिवार्य छुट्टी पर भेजने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार

उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की इस सूची में पार्टी के उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई है जिनके चुनाव जीतने की उम्मीदें ज्यादा है।
यूपी में ब्राम्‍हण हो सकता है कांग्रेस का चेहरा

यूपी में ब्राम्‍हण हो सकता है कांग्रेस का चेहरा

चुनावी लिहाज से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति सुधारने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस अगले एक पखवाड़े में राज्य के नेतृत्व में बड़ा फेरबदल कर सकती है और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है जो संभवत: ब्राम्‍हण होगा।
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