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Search Result : "प्रशांत भुषण"

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

नव संवत्सर आत्महत्या की अजीब प्रवृत्तियों के लपेटे में दिख रहा है। फ्रांस में एक विमान के जर्मन सह पायलट जैसी भौतिक और भयानक आत्महंता प्रवृत्ति तो इस देश में नहीं दिखी जिसने अपने साथ-साथ 150 लोगों की जान और हवाई जहाज का विनाश ही कर दिया। लेकिन यहां एक अन्य तरह का राजनीतिक आत्महंता रुझान जरूर दिख रहा है। दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद संसद के महत्वपूर्ण सत्र से राहुल गांधी के अज्ञातवास पलायन और कश्मीर तथा पाकिस्तान के मामले में मोदी सरकार की बेपेंदी के लोटे की तरह लुढ़काऊं नीति के जरिये क्रमश: कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गिर पड़ने के लिए कुल्हाड़ी तलाशती दिख रही हैं। लेकिन सबसे गजब निकली आम आदमी पार्टी।
बंट गई आम आदमी पार्टी

बंट गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्य‍मंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी से योगेंद्र-भूषण बाहर

'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी से योगेंद्र-भूषण बाहर

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व को चुनौती देने वाले आप के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भारी बहुमत से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी से बाहर कर दिया गया। इन दोनों नेताओं ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
योगेंद्र-प्रशांत ‘आप’ राष्ट्रीय परिषद से बाहर

योगेंद्र-प्रशांत ‘आप’ राष्ट्रीय परिषद से बाहर

केजरीवाल गुट ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया है। दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग के दौरान हंगामें की ख़बरें हैं। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मीटिंग से बाहर निकलने के बाद बताया कि उनके समर्थकों के साथ मीटिंग के दौरान मारपीट की गई।
केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप

केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप

आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। प्रशांत और योगेंद्र ने दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह बात कही। इन दोनों असंतुष्ट नेताओं के साथ अब पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आनंद कुमार भी खुलकर सामने आ गए हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रोफेसर कुमार भी मौजूद थे।
केजरीवाल के नाम योगेंद्र-प्रशांत का एक और खुला खत

केजरीवाल के नाम योगेंद्र-प्रशांत का एक और खुला खत

आम आदमी पार्टी में दो गुटों का संघर्ष अपने चरम पर है। 28 मार्च को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ एक और खुला खत लिखा है।
प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

आप नेता योगेन्द्र यादव ने आज एक नोट सार्वजनिक किया जिसे उन्होंने प्रशांत भूषण के साथ मिलकर लिखा है और उन्होंने 17 मार्च को पार्टी को भेजा था जिसमें प्रस्ताव दिया था कि उनकी मांगें स्वीकार किए जाने पर वे पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

आम आदमी पार्टी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफे को लेकर घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के मुताबिक दोनों नेताओं का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है जबकि योगेन्द्र और प्रशांत का कहना है कि उन्होने इस्तीफा नहीं दिया है।
भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को नया पत्र लिखकर उन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है जिन्हें वह उठाने की कोशिश करते रहे हैं। भूषण ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि अगर केजरीवाल उनकी मांगों को मान लेते हैं तो वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटने को तैयार हैं।
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