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कोयला घोटाला: मनमोहन को गवाह बनाने की याचिका खारिज

कोयला घोटाला: मनमोहन को गवाह बनाने की याचिका खारिज

कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर तलब करने के लिए दायर एक याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। यह याचिका कोयला घोटाले के एक आरोपी की ओर से दायर की गई थी।
15 सेक्टरों में एफडीआई का रास्ता आसान

15 सेक्टरों में एफडीआई का रास्ता आसान

केंद्र सरकार सरकार ने दिवाली के ठीक एक दिन पहले आर्थिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा एलान किया है। मंगलवार को सरकार ने 15 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
विशेष पड़ताल: अब सवालों के घेरे में आनंदी बेन पटेल

विशेष पड़ताल: अब सवालों के घेरे में आनंदी बेन पटेल

सत्ता में आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई न कोई विवाद चल ही रहा है। केंद्र की बात छोड़ भी दें तो इसकी राज्य सरकारें लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर रही हैं। मध्य प्रदेश में व्यापमं, राजस्थान में ललित मोदी प्रकरण, महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे पर लगे आरोपों के बाद अब ताजा मामला है गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल का।
मीट कंपनी अल-दुआ में 2008 तक निदेशक थे संगीत सोम

मीट कंपनी अल-दुआ में 2008 तक निदेशक थे संगीत सोम

दादरी हत्या मामले की पृष्ठभूमि में गोमांस सेवन के खिलाफ एक कठोर अभियान चलाने वाले तेजतर्रार भाजपा नेता संगीत सोम के बारे में यह बात सामने आई है कि वह खुद हलाल मांस के कारोबार से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी के बोर्ड में निदेशक के तौर पर मांस व्यापार से जुड़े हुए थे।
न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के न्यूज एक्स चैनल से रूखसत लेने से कुछ दिन पहले न्यूज रूम में घबराहट तारीं थी। भारत के इस पहले उच्च परिभाषा वाले खबरिया चैनल की स्थापना मुखर्जी दंपति ने सिलसिलेवार संदिग्ध सौदों के जरिये की थी। हवा में यह बात गूंज रही थी कि न्यूज एक्स का पैसा खत्म हो गया है और उसका प्रसारण बंद होने वाला है।
प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
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