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Search Result : "फरीदाबाद नगर निगम"

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिखा रही खेल-खेल में पढ़ाई

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिखा रही खेल-खेल में पढ़ाई

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा स्कूलों में मुश्किल विषयों को खेल-खेल में पढ़ना सिखाया जा रहा है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अलग-अलग विषयों के शिक्षकों की कार्यशालाएं लगाई जा रही हैं। कमेटी की स्कूली शिक्षा परिषद के चेयरमैन और पूर्व विधायक हरमीत सिंह कालका के अनुसार स्कूलों में बेहतर नतीजों के लिए ऐसा किया जा रहा है। कालका के अनुसार फिलहाल ऐसा सिर्फ दिल्ली के स्कूलों में किया जा रहा है।
क्‍या 12वीं पास ही लड़ पाएंगे हरियाणा में नगर निगम के चुनाव?

क्‍या 12वीं पास ही लड़ पाएंगे हरियाणा में नगर निगम के चुनाव?

हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने के बाद राज्‍य सरकार अब नगर निगमों के चुनावों के लिए भी 12वीं तक की शिक्षा को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
ऐतिहासिक क्षण: सऊदी अरब में चुनी गई पहली महिला प्रतिनिधि

ऐतिहासिक क्षण: सऊदी अरब में चुनी गई पहली महिला प्रतिनिधि

सऊदी अरब में पहली बार एक महिला ने नगर परिषद चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। सलमा बिन हिजब अल ओतीबी ने मक्का में मदरका की नगर निगम परिषद का चुनाव जीत कर अत्यंत रूढ़िवादी सऊदी अरब की पहली निर्वाचित महिला प्रतिनिधि बनने का गौरव हासिल किया है। यह पहला मौका है जब सऊदी में महिलाओं को मतदान करने और चुनाव लड़ने का अधिकार मिला। मताधिकार मिलने से उत्साहित सऊदी की महिलाओं के लिए नतीजे भी बेहद उत्साहजनक आए हैं।
निकाय चुनावः मोदी के गृह जिले में हारी भाजपा

निकाय चुनावः मोदी के गृह जिले में हारी भाजपा

गुजरात के निकाय चुनाव राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के लिए झटका साबित हुए हैं। हालांकि राज्य की सभी छह नगर निगमों में पार्टी ने फिर से अपनी सत्ता कायम कर ली है मगर राज्य के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह जिले मेहसाणा के जिला पंचायत और नगरपालिका दोनों जगह कांग्रेस की जीत हुई है।
दलित परिवार को जिंदा जलाने की होगी सीबीआई जांच

दलित परिवार को जिंदा जलाने की होगी सीबीआई जांच

फरीदाबाद के एक गांव में दलित परिवार को कथित तौर पर जिंदा जलाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। हरियाणा से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्‍णपाल गुर्जर ने बताया है कि पीड़ि‍त परिवार की सीबीआई जांच की मांग सरकार ने मान ली है। परिवार के एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
बिसाहड़ा के पास गांव में मीट के टुकड़े, इलाके में तनाव

बिसाहड़ा के पास गांव में मीट के टुकड़े, इलाके में तनाव

दिल्‍ली के करीब दादरी के एक गांव में मीट के टुकड़े मिलने से तनाव फैल गया। प्रशासन ने ऐतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी इलाके के बिसाहड़ा गांव में उग्र भीड़ ने गोमांस खाने के संदेह पर अखलाक नामक व्‍यक्ति को पीट-पीट कर मार दिया था।
दिल्‍ली में डेंगू केस 2000 पार, स्‍थानीय निकायों की पोल खुली

दिल्‍ली में डेंगू केस 2000 पार, स्‍थानीय निकायों की पोल खुली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, नगर निकायों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का मानना है कि मच्छर जनित बीमारी से निपटने में स्‍थानीय नगर निगमों की लचर तैयारियाें की पोल खोल खुल गई है। दिल्ली में डेंगू के कुल मामले 2000 की संख्या को पार कर ग हैं। सितंबर में ही 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
अटाली की औरतें नहीं जानती कि उनके बच्चे कहां पैदा होंगे

अटाली की औरतें नहीं जानती कि उनके बच्चे कहां पैदा होंगे

बीस साल की सहरुमा पेट से है। नवां महीना जारी है। उसके पास न तो जच्चा-बच्चा कार्ड और न ही उसे पता है कि बच्चे की पैदाइश कहां हो सकेगी। पिछले चार महीनों से उसने डॉक्टर के यहां कोई चेकअप भी नहीं करवाया है। सहरुमा फरीदाबाद के गांव अटाली के उस अल्पसंख्यक पीड़ित समुदाय से है जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा के चलते चार महीने पहले अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा था। फरीदाबाद के अटाली में हालात जस के तस हैं। जिन 175 परिवारों ने गांव छोड़ा था उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि लगभग चार महीने पहले अटाली गांव में मस्जिद बनाने के विवाद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
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