फिल्म समीक्षक और पत्रकार दीपक दुआ को ‘बॉलीवुड सिने रिपोर्टर’ और ‘टी-टाइम म्यूजिक इंडस्ट्री’ की तरफ से फिल्म पत्रकारिता में उनके योगदान के श्रेष्ठ फिल्म समीक्षक का पुरस्कार मिला है।
देश की विभिन्न जेलों में बंद आठ महिला कैदियों को आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘तिनका तिनका बंदिनी’ अवॉर्ड-2017 दिए गए। जिन महिला कैदियों को अवॉर्ड दिए गए, उनमें कई महिलाएं उम्रकैद की सजा काट रही हैं तो किसी को मौत की सजा सुनाई गई है।
मेटा (महिन्द्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवॉर्ड्स) महोत्सव में इस बार मेटा 2017 लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड ककड़े काका के रूप में मराठी थिएटर के मशहूर कलाकार अरूण ककडे को प्रदान किया जाएगा। रंगकर्म क्षेत्र में प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत मेटा लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार के अलावा 13 विभिन्न श्रेणियों में भारतीय रंगकर्म के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।
सुपरस्टार आमिर खान को 62वें जियो फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान मिला जबकि उनकी फिल्म दंगल साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित हुई। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार उड़ता पंजाब फिल्म में शानदार अभिनय के लिए आलिया भट्ट को दिया गया जबकि सोनम कपूर ने नीरजा के लिए समीक्षकों की पसंद पुरस्कार (क्रिटिक्स च्वाइस एवार्ड) हासिल किया।
एक गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुजराती के प्रख्यात लेखक डॉ. रघुवीर चौधरी को 51वां ज्ञानपीठ अवॉर्ड दिया। दिल्ली में संसद भवन पुस्तकालय में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारो, साहित्यारों और सुधि पाठक जनों ने हिस्सा लिया।
कंगना रणौत हीरो की तरह हैं। हीरो यानी भारतीय समाज में परम श्रद्धेय और ताकतवर। कंगना कल दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार लेने आई थीं। शबाना आजमी के बाद दूसरी महिला कलाकार हैं जिन्हें दो बार लगातार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:
मदर टेरेसा को इस वर्ष के ब्रिटेन के प्रतिष्ठित फाउंडर्स अवॉर्ड से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। यह सम्मान वैश्विक एशियाई समुदाय के लोगों को उनकी अनुकरणीय उपलब्धियों को मान्यता देता है और उन्हें पुरस्कृत करता है।
बजरंगी भाईजान की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भले ही कमाई के सारे रेकॉर्ड तोड़ देती हों, उनके चाहने वाले हर बार उन्हें ही श्रेष्ठ अभिनेता की ट्रॉफी उठाए देखना चाहते हों मगर खुद सलमान ऐसा नहीं चाहते।