पाकिस्तान के छद्म युद्ध के प्रयास 70 वर्षों से चलते रहे हैं। 1965 और 1971 में तो उसे सीधे युद्ध में भारी पराजय का सामना करना पड़ा। कारगिल की घुसपैठ भी उसे महंगी पड़ी।
अभिनय के मंच से संसद पहुंचने वालों में लोकसभा सांसद किरण खेर की संसद मेंं मौजूदगी सबसे ज्यादा है। चंडीगढ़ से भाजपा सांसद खेर सत्र के दौरान सबसे अधिक मौजूद रहीें। उनकी हाजिरी 85% रही। इसके बाद अहमदाबाद पूर्व से भाजपा सांसद परेश रावल, बीरभूम से टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी का नंबर है। संसद सत्रों में इन सभी की मौजूदगी 76% दर्ज की गई है।
अगर कोई छोटा बच्चा अपनी नन्हीं ऊंगलियों से तबलेे की बेहतरीन ताक धिना धिन ताल एक लय में बिखेरने लगे तो उसका हर कोई फैन हो जाएगा। दिल्ली के कुमार मंगलम वर्ल्ड स्कूल विकासपुरी के कक्षा पांचवी के छात्र 9 साल के अभिवंदन विज इन दिनों अपने तबले के हुनर से लाखों लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं।
सड़क हादसे में याद्दाश्त खो चुके सेना के एक जवान को मृत मान कर उसकी पत्नी के लिए पेंशन शुरू कर दी गई लेकिन सात साल बाद एक अन्य सड़क हादसे ने जवान की याद्दाश्त लौटा दी। आज वह जवान अपने परिवार के साथ है और उसके घर पर त्यौहार जैसा माहौल है।
अमेरिका में फ्लोरिडा के ओरलैंडो स्थित एक ‘गे क्लब' में भारी हथियारों से लैस हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 50 लोगों की हत्या कर दी है। घटना में करीब 53 लोग घायल हैं। मीडिया के अनुसार अफगानिस्तान मूल के ओमर मतीन नामक व्यक्ति ने क्लब में गोलीबारी की। 29 वर्षीय अमेरिकी नागरिक मतीन न्यूयार्क में पैदा हुआ था। पुलिस ने उसे तुरंत मार गिराया। पुलिस का कहना है कि अमेरिका के इतिहास में अब तक का यह सबसे भयावह गोलीबारी कांड है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे आतंकी हमला करार दिया है।
हाल के कुछ सालों में नामी हस्तियों का चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करना बढ़ गया है। यह एक तरह से लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। नामी हस्तियों के चुनाव में वोट डालने से आम व्यक्तियों को भी प्रेरणा मिलती है।
69वें कान फिल्मोत्सव में ऐश्वर्या राय बच्चन और सोनम कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियों के अलावा दूसरे भारतीय फिल्मी सितारे भी समारोह के अलग-अलग कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं।
केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में फिल्मी सितारे और निर्देशक एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। राजनीतिक दलों ने फिल्मी जगत की हस्तियों की लोकप्रियता भुनाने के लिए कम से कम छह उम्मीदवार खड़े किए हैं। इन चुनावों में सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों-कांग्रेस, माकपा और भाजपा ने मतदाताओं को लुभाने के लिए फिल्मी सितारे मैदान में उतारे हैं।