Advertisement

Search Result : "फुरकान अंसारी"

दो देशों की यात्रा कर स्वदेश लौटे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

दो देशों की यात्रा कर स्वदेश लौटे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

हंगरी और अल्जीरिया की पांच दिन की यात्रा के बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भारत लौट आए हैं। अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए आगे कदम उठाए जाने के संबंध में दोनों देशों के नेताओं के साथ चर्चा की।
अखिलेश को चाचा का झटका, मुख्तार की पार्टी का हुआ सपा में विलय

अखिलेश को चाचा का झटका, मुख्तार की पार्टी का हुआ सपा में विलय

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल (कौएद) का विलय हो गया है। सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आज दावा किया कि पार्टी में कौएद का विलय पहले ही हो चुका है और इसे लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है।
नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

चावल और दलहन की भारतीय किस्मों की खेती जल्द नाइजीरिया में शुरू हो सकती है। नाइजीरिया बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का आयात करता है। अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने के लिए नाइजीरिया तेल एवं गैस कारोबार के विकल्प के रूप में कृषि पर ध्यान देना चाहता है।
अफ्रीकी देशों के पांच दिवसीय दौरे पर कल रवाना होंगे हामिद अंसारी

अफ्रीकी देशों के पांच दिवसीय दौरे पर कल रवाना होंगे हामिद अंसारी

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी नाईजीरिया और माली के पांच दिवसीय दौरे पर जाएंगे। यह दौरा कल से शुरू होगा। इसका उद्देश्य पश्चिमी अफ्रीका के इन दो देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
अंसारी की कि‍ताब नागरिकों को जिम्‍मेदारियों से अवगत कराएगी : मुखर्जी

अंसारी की कि‍ताब नागरिकों को जिम्‍मेदारियों से अवगत कराएगी : मुखर्जी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्‍ट्रपति भवन में उप राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद हामिद अंसारी की पुस्‍तक सिटीजन एंड सोसायटी का विमोचन किया। किताब में अंसारी ने देश में विभिन्‍न थीमों पर दिए गए अपने लेक्‍चरों को शामिल किया है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह कई किताबों को भेंट स्‍वरुप पाते हैं। लेकिन यह पुस्‍तक उनके लिए विशेष तौर पर खास है क्‍योंकि इसको महान भारत के उप राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद अंसारी ने लिखी है, जो एक प्रबुद़ध विद़वान और सचेत नागरिक के रुप में समूचे देश में शुमार हैं।
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से लौट रहे अंसारी ने कहा, आतंकवाद को कोई सहन नहीं कर सकता

गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से लौट रहे अंसारी ने कहा, आतंकवाद को कोई सहन नहीं कर सकता

भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
उपराष्ट्रपति अंसारी ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मदुरो के साथ वार्ता की

उपराष्ट्रपति अंसारी ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मदुरो के साथ वार्ता की

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वेनेजुएला पहुंच गए हैं। अंसारी विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर वहां के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो से मुलाकात कर विस्तृत बातचीत की।
नरेन्द्र मोदी ने अपने 66वें जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लिया

नरेन्द्र मोदी ने अपने 66वें जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में अपनी मां हीरा बा से मुलाकात की और अपने 66वें जन्मदिन पर उनका आशीर्वाद लिया। उधर, नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई का संदेश भेजा। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने गांधीनगर में राजभवन में मोदी से व्यक्तिगत मुलाकात करके उन्हें बधाई दी।
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए।
उत्तर प्रदेश: बहुत पहले पड़ गए थे मुलायम परिवार में दरार के बीज

उत्तर प्रदेश: बहुत पहले पड़ गए थे मुलायम परिवार में दरार के बीज

समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच की ताजा जंग का ठीकरा बेशक दो मंत्रियों की बर्खास्तगी या मुख्य सचिव को हटाए जाने पर फूट रहा हो मगर सच्चाई यह है कि विवाद केवल इतना भर नहीं है बल्कि उसकी जड़ें बेहद गहरी हैं। इस विवाद का बीज उस दिन ही पड़ गया था जब विधानसभा चुनावों से ऐन पहले अखिलेश से चर्चा के बिना ही बाहुबली डीपी यादव को सपा में शामिल कराने को हरी झंडी दी गई थी। इस पर प्रदेश पार्टी के मुखिया अखिलेश ने डीपी यादव को न लेने का एलान कर पहली बार चाचा शिवपाल को अपनी ताकत का एहसास कराया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement