जावेद अख्तर की तरह उनके बेटे फरहान अख्तर भी सामाजिक और राजनैतिक मसलों पर अपनी अलग राय रखते हैं। फरहान ने अपने फेसबुक पेज पर दादरी में हुए हत्याकांड पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पीएम मोदी पर सवाल उठाया कि अगर उन्हें अपनी मां की इतनी ही परवाह है तो अपने साथ क्यों नहीं रखते। 12 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद पीएम ने उन्हें अपने शपथ-ग्रहण समारोह तक में नहीं बुलाया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को झूठा करार दिया है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी मां दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थीं।
डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसेडर को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। केंद्र सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि नैतिक हैकर अंकित फाडिया सहित 4 लोगों को इस अभियान का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी दूसरी यात्रा पर न्यूयाॅर्क पहुंचे गए हैं। छह दिनों की अमेरिकी यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय बैठक और संयुक्त राष्ट्र के एेतिहासिक सतत विकास शिखर सम्मेलन में विश्व के नेताओं को संबोधित करेंगे। उनका सिलिकाॅन वैली में मोदी भारतीय समुदाय तथा शीर्ष कारोबारी अधिकारियों से मिलने का भी कार्यक्रम है।
लखनऊ के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
अग्रणी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों में शुमार फेसबुक ने पत्रकारों की सुविधा के लिए एक नया टूल जारी किया है। यह टूल फेसबुक के व्यापक नेटवर्क पर मौजूद सामग्री को ढूंढने, संयोजित करने और प्रकाशित करने में पत्रकारों की मदद करेगा।
कई सालों से फेसबुक इस्तेमाल कर रहे लोगों की मांग पूरी करते हुए फेसबुक अब अंतत: डिसलाइक यानी नापसंदगी के बटन का विकल्प मुहैया कराने पर काम कर रहा है। यह बटन पोस्ट को डाउनवोट तो नहीं करेगा लेकिन इस्तेमाल करने वालों की भावनाएं व्यक्त करने का अवसर देगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और पत्रकार अमृता राय ने शादी कर ली है। अमृत राय ने इस शादी और पिछले डेढ़ साल के कटु अनुभव पर बेबाकी से फेसबुक पर लिखा है।
'अमिताभ बच्चन की बातों पर न जाएं। गुजरात से जुड़े उनके विज्ञापन झूठे हैं। कुछ दिन बिताओ हमारे गुजरात के देहातों में तो असलियत पता चल जाएगी। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवक सड़कों पर बेकार घूम रहे हैं। तलाटी तक की नौकरी के लिए लाखों रुपये की घूस देनी पड़ती है। क्या यही है गुजरात का विकास मॉडल ?’