राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए लक्षित हमलों को एक ऐसा हमला बताया जिसका सभी लोग इंतजार कर रहे थे।
केंद्र द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार 1960 की इस संधि पर जो भी फैसला करेगी, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा।
विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के परिवार की कलह अब खुलकर सामने आ गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश में पार्टी की ईकाई के अध्यक्ष बने शिवपाल यादव ने कहा कि वे नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के फैसले का स्वागत करेंगे।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का तुरुप का पत्ता मानी जा रहीं प्रियंका गांधी के सियासी मैदान में उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे कांग्रेसियों को अभी कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ेगा। पार्टी की अभी तक की रणनीति के तहत अक्टूबर महीने तक प्रियंका के चुनावी अभियान का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। मगर प्रियंका पार्टी के अभियान को नया तेवर और कलेवर देंगी, यह लगभग तय है।
बीसीसीआई ने अगले साल इंग्लैंड में एक से 18 जून तक चैम्पियन्स ट्राफी के लिए आयोजन लागत के तौर पर लगभग 13 करोड़ 50 लाख डालर का बजट आवंटित करने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले पर आपत्ति जताई है।
देश के नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्मृति ईरानी के फैसले को पलटते हुए नई दिल्ली इंटरनैशनल बुक फेयर के आयोजन को आउटसोर्स करने से इनकार कर दिया है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने इसे आउटसोर्स करने का फैसला किया था। तब मंत्रालय ने नैशनल बुक ट्रस्ट से एक प्राइवेट एजेंसी को प्रेजेंटेशन देने को भी कहा था।
बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिनमें एशियाई क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रूपये के विकास कोष को मंजूरी के अलावा, केंद्रीय अंतर्देशीय जल निगम परिवहन निगम को भंग करने की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा भारत, ब्रिटेन साइबर सुरक्षा वाचडाॅग ने सहयोग के लिए समझौते पर भी हस्ताक्षर किया गया। जो महत्वपूर्ण फैसले हैं वे इस प्रकार हैं।
दीर्घ 10 साल लग गए सिंगूर पर अदालत का अंतिम फैसला आने में। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक बताया है। जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस अरुण मिश्र की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में निर्देश दिया कि वहां के किसानों को 12 सप्ताह के भीतर जमीन लौटाई जाए। 10 सप्ताह के भीतर वहां की स्थिति की समीक्षा कर राज्य सरकार अदालत में रिपोर्ट दाखिल करे। वहां के जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया था, उनसे मुआवजे की रकम वापस नहीं ली जा सकेगी। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था, उन्हें जमीन लौटाने के साथ ही आज के बाजार दर पर मुआवजा भी दिया जाएगा। क्योंकि, 10 साल तक वे जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सके। साथ ही वे मालिकाना से भी वंचित रहे।
दही हांडी उत्सव के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आधार पर मुंबई पुलिस ने कुछ उत्सव मंडलियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली। लेकिन क्या इसे आदेश की अवमानना और भारतीय कानूनों के तहत अपराध के रूप में लिया जाएगा?