केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ स्थायी खाता संख्या (पैन) और टैक्स कटौती खाता संख्या (टैन) को केवल एक दिन में जारी किए जाने का समझौता किया है। सीबीडीटी ने यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत उठाया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव से पूर्व कराए गए एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार व्हाइट हाउस के लिए मुकाबला और कांटे का हो गया है और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से मात्र दो प्रतिशत अंक से आगे हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
आगामी 4 अक्टूबर से दिल्ली के प्रगति मैदान के हॉल संख्या 18 में बीआईटीबी के आरंभिक संस्करण के रूप में तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ हो रहा है। पर्यटन, वरिष्ठ नेतृत्व और बिजनेस नेटवर्किंग पर विशेष फोकस वाले इस मेले का प्रायोजक आईटीबी बर्लिन है।
आेलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली धाविका दुती चंद दुती चंद ने कहा है कि उन्हें विमान के इकोनोमी क्लास में रियो तक की यात्रा के दौरान काफी परेशानी हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन पर हमला जारी है। साथी ही ट्रंप ने इस बार सीधे-सीधे मीडिया पर भी हमला बोल दिया है।
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर भी विवादों में घिरते नजर आ रहेे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सचिन तेंदुलकर ने मसूरी में अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर संजय नारंग के एक अवैध निर्माण को बचाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मदद की गुजारिश की थी। नारंग नेे मसूरी में भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ काम्प्लेक्स के पास सुरक्षा के लिहाज से नो कंस्ट्रक्शन जोन में रिसार्ट बनाया है। इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए ही सचिन ने पर्रिकर से मदद मांगी थी।
वह जमाना गया, जब वचन देने वाले राजा-महाराजा बिना लिखा-पढ़ी हुए वायदा पूरा करने के लिए अपनी जान तक गंवाने को तैयार रहते थे। अब महाशक्तियां कूटनीतिक मित्रता ‘बिजनेस’ के लिए करती दिखती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हाथ-गले मिलने और मीठी बातों से अभिभूत होने की गलती न की जाए।