इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट में पारी और 36 रन की शिकस्त के लिए मौकों को भुनाने में असफल रहने और स्पिन गेंदबाजी विकल्पों की कमी को जिम्मेदार ठहराया। मेहमान टीम ने पांच टेस्ट की श्रृंखला गंवा दी है।
कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर बल्लेबाजी में अपनी बादशाहत साबित करते हुए नाबाद शतक जमाया जिसकी मदद से भारत ने चौथे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन आज इंग्लैंड के खिलाफ सात विकेट पर 451 रन बना लिये। कोहली ने 15वां टेस्ट शतक पूरा करते हुए नाबाद 147 रन बना लिये हैं। वहीं मुरली विजय ने इससे पहले 136 रन बनाये जिसकी बदौलत भारत ने इंग्लैंड के 400 रन के जवाब में 51 रन की बढत ले ली।
सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा की संकटमोचक जोड़ी ने फिर से अपने आपसी तालमेल का शानदार नजारा पेश करके चौथे टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन आज यहां भारत को इंग्लैंड के मजबूत स्कोर के सामने शुरूआती झटके से उबारा।
आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय टीम कल से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रहे चौथे टेस्ट में एक और धमाकेदार जीत दर्ज करके पांच टेस्ट मैचों की क्रिकेट श्रृंखला अपने नाम करने के इरादे से उतरेगी।
घुटने में सूजन से जूझ रहे तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का इंग्लैंड के खिलाफ कल से शुरू हो रहे चौथे क्रिकेट टेस्ट में खेलना संदिग्ध है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि शमी के खेलने के बारे में फैसला आज शाम को लिया जायेगा।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तीसरे और चौथे टेस्ट के बीच एक सप्ताह लंबे ब्रेक को अच्छा बताते हुए कहा कि इससे टीम को फायदा हुआ है लेकिन यह भी कहा कि श्रृंखला जीतने की ओर अग्रसर उनकी टीम के पैर जमीन पर ही हैं।
भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-2 से पिछड़ने वाली इंग्लैंड की टीम के कप्तान एलिस्टेयर कुक को लगता है कि उनके खिलाडि़यों को राजकोट में पहले टेस्ट के प्रदर्शन को देखने की जरूरत है जिसमें उन्होंने सकारात्मक क्रिकेट खेला था और मैच ड्रा कराया था।
उच्चतम न्यायालय ने भारत और इंग्लैड के बीच चल रही टेस्ट मैच श्रृंखला के तहत मुंबई और चेन्नै में होने वाले शेष दो टेस्ट मैचों के आयोजन के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड को एक करोड़ 33 लाख रुपए खर्च करने की आज अनुमति दे दी।
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को विश्वास है कि विराट कोहली की अगुआई में खेलने वाली मौजूदा भारतीय टेस्ट के पास ऐसा तेज गेंदबाजी आक्रमण है जो उपमहाद्वीप के बाहर जीत दर्ज कर सकता है जैसा कि 2000-2004 में सौरव गांगुली की टीम के साथ था।