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राजनाथ का दावा-जेएनयू प्रदर्शन को हाफिज सईद का समर्थन, विपक्ष ने मांगे सबूत

राजनाथ का दावा-जेएनयू प्रदर्शन को हाफिज सईद का समर्थन, विपक्ष ने मांगे सबूत

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यह दावा कर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया कि जेएनयू में पिछले दिनों संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में हुए कार्यक्रम को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन मिला था। राजनाथ के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि गृह मंत्री जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम को लेकर किए गए अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत दें।
धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के कैलाश विजयवर्गीय हरियाणा के बाद पश्चिम बंगाल में जीत की रणनीति बनाने में मशगूल है। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पास पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी है। स्वाभाविक ही है कि उनके पास पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार टिकट की आस लगाए उनके पास पहुंचने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में उनकी रणनीति पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंश-
कांग्रेस से गठबंधन के लिए बातचीत को तैयार हुआ वाम मोर्चा

कांग्रेस से गठबंधन के लिए बातचीत को तैयार हुआ वाम मोर्चा

माकपा के नेतृत्व वाला पश्चिम बंगाल का वाम मोर्चा आज औपचारिक रूप से इस बात पर सहमत हो गया कि कांग्रेस यदि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर उनसे संपर्क करती है तो वह उनके साथ इसे लेकर चर्चा करेंगे।
पश्चिम बंगाल में गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेताओं की राय साफ नहीं

पश्चिम बंगाल में गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेताओं की राय साफ नहीं

पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर कांग्रेस की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन की बजाय राज्य कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि वामदलों से गठबंधन हो।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
शाह के सिर चुनौती का ‘ताज’

शाह के सिर चुनौती का ‘ताज’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब इस साल और अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर रहा था तब सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बिठाने वाला एक ही नाम सामने आया और वह नाम है अमित शाह का। आउटलुक ने शाह के दूसरी बार अध्यक्ष बनने से ही पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि अमित शाह के खिलाफ कोई भी नामांकन नहीं करेगा। मतलब अमित शाह का अध्यक्ष बनना तय था।
फास्ट कोर्ट में राम मंदिर निर्माण सुनवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगेःकैलाश विजय

फास्ट कोर्ट में राम मंदिर निर्माण सुनवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगेःकैलाश विजय

दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पार्टी नेताओं के बयानों से हुआ नुकसान, किसान विरोधी के साथ-साथ दलित विरोधी का भी लग सकता ठप्पा
शाह की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां

शाह की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां

दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने अमित शाह का यह कार्यकाल कड़ी चुनौती वाला माना जा रहा है। क्योंकि कई राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं अगले लोकसभा का चुनाव भी शाह की ही अध्यक्षता में लड़ा जाएगा।
इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं। इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने फाइलों को सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं।
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