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सीआईसी की अनुपस्थिति में सूचना आयुक्त संभालेंगे काम

सीआईसी की अनुपस्थिति में सूचना आयुक्त संभालेंगे काम

केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
महाराष्ट्र के गोमांस कानून के प्रावधानों पर रोक से कोर्ट का इंकार

महाराष्ट्र के गोमांस कानून के प्रावधानों पर रोक से कोर्ट का इंकार

बंबई उच्च न्यायालय ने गाय, बैल और भैंस के मांस को रखने, उसे लाने-ले जाने और उसके उपभोग पर प्रतिबंध लगाने वाले महाराष्ट्र के हालिया कानून के प्रावधानों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस कानून के अनुसार, इन जानवरों का वध महाराष्ट्र से बाहर करके यहां लाने पर भी प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।
एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को चुनने वाली कमेटी में शामिल होने से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के इनकार से इस आयोग के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठने लगे हैं और कुछ लोग इसे संवैधानिक संकट भी करार देने लेगे हैं मगर कानून के जानकार ऐसा नहीं मानते।
चित्तूर फायरिंग: उच्च न्यायालय ने एसआईटी से 60 दिनों में जांच पूरी करने को कहा

चित्तूर फायरिंग: उच्च न्यायालय ने एसआईटी से 60 दिनों में जांच पूरी करने को कहा

हैदराबाद उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के शेषाचलम जंगलों में 7 अप्रैल को पुलिस फायरिंग में 20 लोगों के मारे जाने की घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम एसआईटी को निर्देश दिया कि वह अपनी तफ्तीश 60 दिनों में पूरी कर अदालत में रिपोर्ट सौंपे।
एनजेएसी सदस्यों के चयन के पैनल का हिस्सा नहीं बनेंगे प्रधान न्यायाधीश

एनजेएसी सदस्यों के चयन के पैनल का हिस्सा नहीं बनेंगे प्रधान न्यायाधीश

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) प्रकरण में तब नया मोड़ आ गया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने छह सदस्यीय आयोग में दो प्रमुख व्यक्तियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया।
आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

इन दिनों सेंट स्‍टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए। अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः
लिव-इन में रहने वाले अब कानूनन पति - पत्नी

लिव-इन में रहने वाले अब कानूनन पति - पत्नी

शादी किए बगैर लिव इन में रहने वाले जोड़ों के लिए सर्वोच्च न्यायालय से एक बड़ी खबर है। न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि अगर एक अविवाहित जोड़ा पति-पत्नी की तरह साथ रह रहा है तो उन्हें कानूनी रूप से शादीशुदा माना जाएगा और पार्टनर की मौत की स्थिति में महिला उसकी संपत्ति की कानूनी हकदार होगी।
मुंबई बम धमाके मामले में याकूब मेमन की मौत की सजा बरकरार

मुंबई बम धमाके मामले में याकूब मेमन की मौत की सजा बरकरार

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को याकूब अब्दुल रजाक मेमन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के मामले में अपनी मौत की सजा की समीक्षा करने का आग्रह किया था।
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