व्यापमं को घोटाला कहा जाए या डेथ-ट्रैप यानी मौत का जाल या फिर मौत का बरमूडा त्रिकोण...। एक बात साफ है कि इसके पास जाने वाले या इसमें शामिल लोगों की मौतों का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा, उसने इसे भारत के सबसे रहस्यमय खौफनाक घोटाले में तब्दील कर दिया। ऐसा रहस्य जो बड़ी-बड़ी आपराधिक गाथाओं को मात देने को आतुर हो।
आरडी बर्मन पर पंचम अनमिक्सड : मुझे चलते जाना है नाम से वृत्तचित्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त ब्रह्मानंद एस सिंह का मन संगीत में रमता है। अभी वह प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह पर कागज की कश्ती नाम से फिल्म बना रहे हैं। बाल मजदूरों पर भी वह एक संवेदनशील फिल्म झलकी बना चुके हैं।
वैसे तो नायिकाओं की खास ऊंगली में यदि अंगूठी दिख जाए तो हंगामा हो जाता है। इस बार भी हंगामा तो है मगर इतना ज्यादा नहीं। हालांकि चर्चा में एक खास अंगूठी ही है।
सपा सुप्रीमो से मिली कथित धमकी की पोल खोलना यूपी के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को भारी पड़ गया। राज्य सरकार ने उन्हें अनुशासनहीना और सरकार विरोधी रुख अपनाने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इससे पहले उनके खिलाफ एक रेप का केस भी दर्ज हुआ है।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाने वाले आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में बलात्कार का केस दर्ज किया गया है।
रामधारी सिंह दिवाकर ग्रामीण जीवन के कथा शिल्पी के तौर पर जाने जाते हैं। पाठकों के बीच उनकी प्रसिद्धि गांव के जीवन को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने वाले कहानीकार की है। उनके बारह कहानी संग्रह और सात उपन्यास हैं। इसके अलावा शोध, आलोचना, संस्मरण आदि पर भी दर्जनों पुस्तकें हैं।
उत्तर प्रदेश कैडर के अाईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की ओर से कथित तौर पर दी गई धमकी की जांच पुलिस करेगी। ठाकुर ने पुलिस में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया है कि जांच के बाद ही इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
व्यापमं घोटाले और मौतों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद ‘पिंजरे के तोते’ सीबीआई के सामने एक बड़ी चुनौती इस कांड की गांठों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तार खोलने की होगी। व्यापमं की गांठ में संघ के तार का सिरा 1990 तक जाता है जब इस कांड के प्रमुख अभियुक्त और खनन सरगना सुधीर शर्मा ने संघ संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के तौर पर अपना करिअर शुरू किया था। उनके पिता बाबूलाल शर्मा डेयरी निगम में किरानी थे। घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें शाम को दूध बेचना पड़ता था।