बैंकों में कल शुक्रवार को कामकाज प्रभावित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की कल की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार दो सितंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। आखिरी वक्त में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई घोषणाएं कीं, लेकिन असर नहीं हुआ। इस हड़ताल को कांग्रेस के इंटक और वामो से जुड़े ट्रेड यूनियनों का समर्थन हासिल है।
प्रशासन द्वारा तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा दिए जाने के कारण श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य की ओर लौटने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनें दो सितंबर को देश भर में हड़ताल की अपनी घोषणा से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने सरकार की ओर से हड़ताल को स्थगित करने का अनुरोध ठुकरा दिया है। इसे देखते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने श्रम मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यापक विचार-विमर्श किया।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।
कश्मीर घाटी में हिंसा की वजह से पिछले कई दिनों से जारी कर्फ्यू शनिवार को हटा लिया गया। हालांकि श्रीनगर, अनंतनाग और पाम्पोर के कुछ हिस्सों में अभी भी कर्फ्यू जारी है। अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण घाटी में जनजीवन अब भी अस्त-व्यस्त है।
कश्मीर घाटी में जारी कर्फ्यू के बीच बुधवार को असहज शांति रही, लेकिन घायलों में से और एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई। लगातार छठे दिन बुधवार को भी घाटी में कोई अखबार नहीं आया।
कश्मीर घाटी में कुछ स्थानों पर हुई हिंसा और झड़प के मद्देनजर सोमवार को भी कर्फ्यू जारी रहा और लगातार तीसरे दिन कोई भी अखबार नहीं आया। वहीं पुलवामा जिले में पथराव कर रही भीड़ के हमले में सत्तारूढ़ पीडीपी के एक विधायक घायल हो गए।