विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार न्यूयार्क के लिए रवाना हो गई जहां वह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेंगी। लेकिन बहुत संभव है कि ललित मोदी की मदद को लेकर विदेशी पत्रकार उनसे सवाल कर सकते हैं क्योंकि एक विदेशी अखबार ‘संडे टाइम्स’ ने ही इस मामले को उजागर किया था। ऐसे किसी तीखे सवाल से देश की साख को बट्टा लग सकता है इसलिए हो सकता है कि विदेश मंत्री पूरी तैयारी के साथ न्यूयॉर्क जा रही हों।
1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
मराठी मानुष की राजनीति करने वाली शिवसेना कल अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। वर्ष 1966 में बाल ठाकरे की सोच और बुलंद इरादों के साथ अस्तित्व में आई शिवसेना आज महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी ताकत है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इस बात पर जोर दिया है कि योग भेदभाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जब अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अपना पहला आसन करने की कोशिश की तो इससे उन्हें एक संतुष्टि की अनुभूति हुई।
अब योग किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं रहा। यह क्रिसमस की तरह है, जो भी इसे मनाना चाहें उन सब का है। आधुनिक दौर में हमारे सुस्त और गतिहीन जीवन से उबरने का सबसे बेहतर तरीका।