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Search Result : "बाल भारती"

आधुनिक हो रहे आरएसएस का इंटरनेट के जरिये युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम

आधुनिक हो रहे आरएसएस का इंटरनेट के जरिये युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारंपरिक रूप से लोगों को खुद से जोड़ने के साथ-साथ अब आधुनिक दौर के अनुसार हाईटेक होता जा रहा है। इसके तहत संघ अपनी वेबसाइट के माध्यम से अपनी पहुंच को व्यापक करने के साथ आईटी पेशेवरों तथा शहरों में रहने वाले युवाओं को भी स्वयं से जोड़ रहा है।
डीडी किसान के एडवाइजर नरेश सिरोही पदमुक्त

डीडी किसान के एडवाइजर नरेश सिरोही पदमुक्त

पिछले साल शुरू हुए किसान चैनल पर सियासत का साया पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस चैनल के एडवाइजर नरेश सिरोही को बिना कारण बताए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है।
भगीरथ की गंगा बचाने के लिए मिशन नमामि गंगे

भगीरथ की गंगा बचाने के लिए मिशन नमामि गंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा की अविरल निर्मलता को लेकर कितने सजग और गंभीर हैं यह उनके गंगा मंत्रालय बनाने से पता चलता है। इसके बाद गंगा के प्रति प्रेम रखने वाली उमा भारती को उस मंत्रालय को सौंप देना अपने आप में पूरी कहानी कह देता है। आज हरिद्वार में इस महत्वाकांक्षी योजना का की शुरुआत विधिवत हो गई।
हरिद्वार में धूमधाम से लॉन्च होगा नमामि गंगे का पहला चरण

हरिद्वार में धूमधाम से लॉन्च होगा नमामि गंगे का पहला चरण

कल हरिद्वार में बीस हजार करोड़ की नमामि गंगे योजना के पहले चरण की शुरुआत धूमधाम से होगी। इस की शुरुआत नितिन गडकरी और उमा भारती करेंगे। गंगा के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यमुना के दो राज्य हरियाणा और दिल्ली के अलावा सात राज्यों में इस योजना के तहत काम होगा।
शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्‍ट्र में शिवसेना की स्‍थापना की थी। उन्‍होंने उस वक्‍त वादा किया था कि दल का उद़देश्‍य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्‍थापना के अपने स्‍लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्‍थापित किया है।
शिवराज का राज, मध्‍यप्रदेश में सात लाख बच्‍चे मजदूर, तीन लाख निरक्षर

शिवराज का राज, मध्‍यप्रदेश में सात लाख बच्‍चे मजदूर, तीन लाख निरक्षर

गैर सरकारी संगठन क्राई :चाइल्ड राइट एंड यू: के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि मध्यप्रदेश में करीब सात लाख बच्‍चे मजदूर हैं। इनमें से तीन लाख बाल मजदूर या तो निरक्षर हैं या उनकी पढ़ाई-लिखाई मजदूरी करने की वजह से प्रभावित हो रही है।
महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भाजपा-शिवसेना में तनाव

महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भाजपा-शिवसेना में तनाव

अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।
उड़ता पंजाब : अदालत ने कहा, सेंसर बोर्ड को बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए

उड़ता पंजाब : अदालत ने कहा, सेंसर बोर्ड को बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए

बम्बई उच्च न्यायालय ने एक तीखी टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि सेंसर बोर्ड को बहुत अधिक बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए ताकि फिल्म उद्योग में रचनात्मक लोग बढ़ सकें। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि उड़ता पंजाब के निर्माताओं को अपशब्दों वाले एवं अश्लील दृश्यों को नरम करना चाहिए क्योंकि केवल इन्हीं से फिल्म नहीं चलती। न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी की एक खंड़पीठ ने कहा कि वह मामले पर 13 जून को आदेश पारित करेगी।
मेनका बोलीं, जानवरों को मारने के लिए राज्‍यों को लिखी जा रही चिट्ठी

मेनका बोलीं, जानवरों को मारने के लिए राज्‍यों को लिखी जा रही चिट्ठी

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि पर्यावरण मंत्रालय जानवरों को मारने के लिए राज्‍यों को चिट्ठी लिख रहा है। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय हर राज्य को लिख रहा है कि किस जानवर को मारना है। हमें बताइएं, हम आपको इजाजत दे देंगे। बंगाल और हिमाचल में उन्होंने हाथी को मारने की अनुमति दे दी है। गोवा में कह दिया कि मोर को मारें।
चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।
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