Advertisement

Search Result : "बाल विकास"

जेटली का बजट विश्व बैंक से प्रेरित?

जेटली का बजट विश्व बैंक से प्रेरित?

वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार दो बजट पेश कर चुके हैं और दोनों ही बजट में खास बात रही है उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के लिए खुलकर फंड की व्यवस्‍था करना।
आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

खाद्य मूल्य में गिरावट जैसे बाहरी कारकों के अलावा कृषि क्षेत्र की कुछ समस्याएं इस साल के कमजोर मॉनसून से भी बढ़ी हैं। यह भी एक तत्व है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र की दुर्दशा हुई है। सन 2014 में पोषक तथ्व आधारित सद्ब्रिसडी (एनबीएस) शुरू होने से न सिर्फ उर्वरक मूल्य में वृद्धि हुई बल्कि मिश्रित उर्वरक के इस्तेमाल में असंतुलन भी पैदा हुआ। नतीजतन कृषि में मुनाफा कम हो गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदतर हो गई।
सिर्फ दावों से नहीं होता विकास

सिर्फ दावों से नहीं होता विकास

विकास के वादे के साथ सत्ता में आई नई सरकार ने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और विधानों पर निर्दयता से धावा बोल दिया है। अक्तूबरए 2014 में यह अफवाह उड़ाई गई कि कुछ जिलों में मनरेगा योजना बंद कर दी जाएगीए हालांकि प्रस्तावित बदलावों को लागू नहीं किया गया। मनरेगा के लिए वित्त की कमी करके और मजदूरी के भुगतान में देरी करके इसको धीरे.धीरे खत्म करने की स्थिति पैदा की जा रही है।
अनाज उत्पादन में कमी की आशंका

अनाज उत्पादन में कमी की आशंका

चालू वर्ष में देश में अनाज उत्पादन में 85 लाख टन कमी की आशंका जताई गई है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 3 फीसदी की कमी है। इस अनुमान से देश में विकास दर में कमी आने और किसानों के लिए और संकट की स्थिति आने की आशंका है।
बच्चों के ल‌िए खतरनाक है स्मार्टफोन

बच्चों के ल‌िए खतरनाक है स्मार्टफोन

बच्चों के विकास में बाधा बन सकता है स्मार्ट फोन। एक नए अनुसंधान से यह पता चला है। यह उन माता-पिता के लिए चेतावनी है जो अपने बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उऩ्हें स्मार्ट फोन थमा देते हैंं।
शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

बच्चों को शिक्षा के लिए सदमे और डर से मुक्त माहौल देने के लिए शारीरिक दंड एवं वार्षिक परीक्षा आधारित पास-फेल की प्रणाली खत्म कर दी जा रही है। इसके बदले निरंतर मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। विधेयक में सभी विद्यालयों के पाठ्याचार को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप ढालने का प्रावधान किया है। इससे कुछ संस्थाओं, संगठनों के स्कूलों में सांप्रदायिक और इस तरह के अन्य एजेंडे को सीमित करने मे मदद मिलेगी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement