केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।