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Search Result : "बिना सब्सिडी"

चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

एक बार फिर लुभावना वायदा। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के ‌लिए अन्नाद्रमुक की नेता सुश्री जयललिता (अम्मा के रूप में लोकप्रिय) ने इस बार जीतने पर महिलाओं को 100 मेगावाट बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर दी है। प्रदेश में पुरुषों से अधिक महिला मतदाता हैं और अम्मा उन्हें हरसंभव जोड़े रखना चाहती हैं।
बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से ज्यादा कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है।
सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

देश में आधार नामांकन की संख्या कुछ ही दिनों में 100 करोड़ के आंकड़े को लांघ जाएगी। इस उपलब्धि से सरकार की उस योजना को बड़ा बल मिलने की उम्मीद है जिसके तहत वह विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ व सब्सिडी लाभान्वितों को सीधे पहुंचाना चाहती है।
इश्क बिना लाग-लपेट वाला

इश्क बिना लाग-लपेट वाला

‘1920’, ‘एक पहेली लीला’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके रजनीश दुग्गल इस बार डायरेक्ट इश्क ले कर आ रहे हैं। इस शुक्रवार यानी 19 फरवरी को यह फिल्म दर्शकों के सामने होगी। ‘डायरेक्ट इश्क’ के जरिये बनारस की जमीन और वहां की संस्कृति के बीच पनपी एक अनोखी रोमांटिक कॉमेडी कहानी परदे पर आ रही है।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

एक दौर था जब प्रदेश के किसान नकदी फसल गन्ने को अपनी लाठी मानते थे। सूबे की 124 चीनी मिलें सूरसा के मुंह जैसी खेतों की ओर ताकती रहती थीं और दिन रात गन्ने की ही फरमाईश करती थीं मगर अब यह लाठी जैसे टूट गई है और 'सुरसा’ भी न जाने कहां बिला गई है। प्रदेश में गन्ने की फसल को राजनीति का ऐसा घुन लगा है कि खेत, फसल और किसान सब चौपट हो रहे हैं। आलम यह है कि गन्ना उगाने की लागत सवा तीन सौ रुपए क्विंटल आ रही है मगर किसान को मिल रहे हैं मात्र 280 रुपए। वह भी रुला-रुलाकर।
चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाने की बजाय चीनी मिलों को ब्या‍ज मुक्त‍ कर्ज, एक्स‍पोर्ट ड्यूटी में राहत और एथनॉल पर एक्सा‍इज ड्यूटी में छूट जैसी रियायतें देने वाली केंद्र सरकार ने अब चीनी मिलों को फायदा पहुुंचाने का नया रास्ता निकाला है। अब गन्ना किसानों को सरकार की ओर सीधे सब्सिडी दिए जाने की पहल की जा रही है जो गन्ना किसानों का ध्यान उनके बकाया भुगतान और पिछले कई साल से नहीं बढ़े दाम से हटाने की साजिश है।
रेल किराये की तुलना सेब, टूथपेस्ट के दाम से कर रेलवे आत्ममुग्‍ध

रेल किराये की तुलना सेब, टूथपेस्ट के दाम से कर रेलवे आत्ममुग्‍ध

रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी की ओर संकेत करते हुए रेलवे ने एक चार्ट जारी किया है। इसमें सेब, फिल्म के टिकट, तेल जैसी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के मूल्य की तुलना रेल किराये से की गई है।
10 लाख से ज्यादा कमाने वालों की एलपीजी सब्सिडी बंद

10 लाख से ज्यादा कमाने वालों की एलपीजी सब्सिडी बंद

सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।
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