जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन के बिहार में बेहतर तालमेल को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बुधवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना एक औपचारिकता मात्रा प्रतीत हो रहा है।
चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिश को अगर लागू कर दिया जाए तो बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड जैसे राज्यों का केंद्रीय करों में हिस्सा घट सकता है। इन राज्यों ने वित्त आयोग की सिफारिशों से अपनी नाराजगी जताई है।
राजनीतिक उठापटक के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नई पार्टी का गठन कर दिया। इसके साथ राज्य में नई सियासत के सूत्रधार भी बन गए हैं। मांझी की नई पार्टी बनाए जाने के बाद से माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के कई असंतुष्ट नेता जुड़ सकते हैं।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी की जीतनराम मांझी को बचाने की रणनीति बुरी तरह से फ्लाप हो गई। अंतत: बाजी नीतीश कुमार ने मारी और एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री पर आसीन हो गए।
बिहार में चली लंबी राजनीतिक उठा-पटक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 मार्च को विश्वास मत हासिल करेंगे। विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन विश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली इसके साथ ही उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। इस साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और अपनी पार्टी जदयू और सहयोगी दलों राजद, कांग्रेस और भाकपा का नेतृत्व करना है। ऐसे में उन्हें सभी के साथ समन्वय बनाकर काम करना होगा।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जीनत राम मांझी के विश्वासमत के दौरान लिए गए अपने फैसलों को सही, संवैधानिक तथा नियमानुकूल ठहराते हुए आज कहा कि यदि मांझी ने उनकी वजह से इस्तीफा दिया है तो वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं।
बिहार में जनता दल यूनाइटेड की बनने जा रही सरकार की पहली परीक्षा राष्ट्रीय जनता दल के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर होगी। अगर राजद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ तो इसके निश्चित पर दूरगामी संकेत होंगे और अगर शामिल होता है तो इसका अलग संदेश जाएगा।
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने नीतीश कुमार को राजभवन बुलाकर मुख्यमंत्री बनने का न्योता दिया है।
बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे से सियासी घमासान में नया मोड़ आ गया है। आज विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन होना था, जिसके जरिये यह तय होना था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। बिहार विधानसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई।