बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू की पार्षद मनोरमा देवी के बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ रॅाकी यादव को बिहार के बहुचर्चित आदित्य कुमार सचदेवा हत्याकांड में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रॉकी पर आरोप है कि छह मई की देर रात उसने गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लोकसभा में कुछ सदस्यों के व्यवहार और उनके द्वारा लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियां किए जाने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन सोमवार को बेहद आहत दिखीं। नाराज स्पीकर ने कहा कि अब सदस्यों को बोलना सिखाने के लिए क्या उनकी क्लास लूं?
केंद्र सरकार इस साल स्वयं नामक एक ऐप के जरिये दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के तहत दस भाषाओं में 500 से अधिक कोर्स छात्रों को उपलब्ध करवाएगी। इसकी जानकारी लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दी।
बिहार के गया में जदयू पार्षद के पुत्र ने शनिवार की रात गाड़ी ओवरटेक करने पर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। कथित हत्या के मामले में पुलिस ने पार्षद के पति और पार्षद के अंगरक्षक राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जबकि आरोपी पुत्र फरार है।
भाजपा शासित राजस्थान में कक्षा 8 की नई पाठ्य पुस्तक से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम हटा दिया गया है। पूर्व में प्रकाशित पुस्तक में नेहरू के बारे में लिखा गया था कि बैरिस्टर बनने के बाद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और बाद में कांग्रेस के अध्यक्ष बने तथा वह आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भी बने।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने छात्रों को शिक्षा ऋण को लेकर आगाह करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें ठगने वाले स्कूलों के झांसे में नहीं आना चाहिए। ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और डिग्री भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि ‘शिक्षा व्यापार नहीं बल्कि उत्कृष्ट कार्य है। शिक्षा का उद्देश्य देश के लोगों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा लिया जाना या फीस निर्धारित करना शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।’
हिंदी भाषी छात्रों के लिए प्रबंधन, आईटी, फिल्म, पत्रकारिता जैसे विषयों में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने इन विषयों में हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम तैयार किए हैं और शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल की है।
सत्ताधारियों को तलवार लटकाना बहुत अच्छा लगता है। इसी तरह मीडिया का एक वर्ग सदा यह समझता रहा है कि वह सर्वशिक्तमान है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ सत्ता को बनाने-बिगाड़ने और देश की दशा तय करने का काम कर सकता है। यह दोनों प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनुचित है।