भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।
स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रहे अभियान के बीच स्विस बैंकाें में भारतीयों की जमा राशि करीब एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत घटकर 1.2 अरब फ्रैंक :करीब 8,392 करोड़ रुपये: रह गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों का पूंजी-आधार और मजबूत करने के लिए उन्हें और धन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जतायी है। जेटली ने सोमवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में इन बैंकों को जो 18,000 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ वह मुख्य तौर पर वसूल न किए जा सकने वाले रिण (एनपीए) के लिए ऊंचे पूंजी प्रावधान के कारण है।
रिजर्व बैंक ने देश में एक तिहाई से ज्यादा एटीएम के काम नहीं करने पर चिंता जताई है। केन्द्रीय बैंक ने कड़े शब्दों में बैंकों से कहा है कि अगर वह अपने एटीएम जल्द से जल्द नहीं सुधारे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। बैंकों को इस संबंध में नियमों का पूरा पालन करना चाहिए।
देश के बैंक एक और माल्या का पता लगाने जा रहे हैं। बैंकों के समूह ने आलोक इंडस्ट्री और उसकी सहयोगी कंपनियों को चार माह पहले 20 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया था।
अरबों रुपये के कर्ज के भुगतान में चूक के बीच उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि चूककर्ताओं के नाम का खुलासा किए बिना कुल बकाया राशि को सार्वजनिक किया जाए लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने गोपनीयता उपबंध का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने गुरुवार को शराब कारोबारी विजय माल्या और उनकी कंपनियों की सितंबर तक उच्चतम न्यायालय में मौजूदा स्वरूप में 4,000 करोड़ रुपये के भुगतान की पेशकश खारिज कर दी। न्यायालय ने माल्या को 21 अप्रैल तक अपनी कुल परिसंपत्ति का खुलासा करने का निर्देश दिया।
फंसे कर्ज (एनपीए) से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा 12,000 करोड़ रुपये का कुल तिमाही नुकसान हुआ जबकि एसबीआई, पीएनबी और केनरा के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज हुई।