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नोटबंदी का 22 वां दिन: बैंकों में पर्याप्‍त नकदी नहीं, पूरा वेतन मिलना मुश्किल

नोटबंदी का 22 वां दिन: बैंकों में पर्याप्‍त नकदी नहीं, पूरा वेतन मिलना मुश्किल

नये करेंसी नोटों की तंगी झेल रहे बैंकों में गुरुवार को वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को उस समय निराशा हुई जब उन्हें लंबी प्रतीक्षा के बाद तय सीमा से कम नकदी ही उपलब्ध हो पाई। शाखाओं पर उमड़े खाताधारकों को शांत करने के लिये बैंक अपने पास उपलब्ध नकदी के अनुरूप थोड़ी थोड़ी राशि ही उपलब्ध करा पा रहे हैं।
जनधन खातों से एक महीने में दस हजार रुपये ही निकल सकेंगे

जनधन खातों से एक महीने में दस हजार रुपये ही निकल सकेंगे

भारतीय रिजर्व बैंक ने जनधन खातों से नकद निकासी की सीमा 10,000 रुपये प्रति माह तय कर दी है। कालाधन रखने वालों द्वारा जनधन खातों के दुरुपयोग के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। रिजर्व बैंक की इस संबंध में आज जारी अधिसूचना में कहा गया है प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) खाताधारक किसानों और ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। उनके खातों का मनी लांडिंग गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने और इसके परिणामस्वरूप बेनामी संपत्ति लेनदेन एवं मनी लांर्डिंग कानून के कड़े प्रावधानों को देखते हुए एहतियात के तौर पर ऐसे खातों के संचालन पर कुछ सीमा लगाए जाने का फैसला किया गया है।
भूल चूक लेनी देनी, मरहम की प्रतीक्षा

भूल चूक लेनी देनी, मरहम की प्रतीक्षा

इरादे नेक हो सकते हैं। लक्ष्य भी निश्चित रूप से सही हैं। काले धन, भ्रष्टाचार और सीमा पार से नकली नोट की घुसपैठ एवं आतंकवादियों की गतिविधियों के विरुद्ध संपूर्ण भारत एकमत है। प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 के पुराने करेंसी नोट को तत्काल प्रभाव से अवैध करार देने का फैसला इन मुद्दों से जोड़ा है।
जन धन खाते खोलने में अव्वल मध्य प्रदेश

जन धन खाते खोलने में अव्वल मध्य प्रदेश

जन धन योजना प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है। पूरे देश में इस योजना के तहत करोड़ों खाते खोले गए हैं मगर प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में मध्य प्रदेश अव्वल है।
नोटबंदी के बाद पहली बार बोले रिजर्व बैंक गवर्नर, हालात पर है नजर

नोटबंदी के बाद पहली बार बोले रिजर्व बैंक गवर्नर, हालात पर है नजर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आज कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बड़े मूल्य के नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा और नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है।
बैंक लॉकरों की भी तलाशी जरूरी- भाजपा मुख्यमंत्री

बैंक लॉकरों की भी तलाशी जरूरी- भाजपा मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कालेधन के खिलाफ अभियान के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बैंकों के लॉकरों के अंदर क्या रखा जाता है उसका रेकार्ड रखने का भी प्रयास होना चाहिए। बैंक लॉकर में कौन क्या रख रहा है अभी उसका कोई हिसाब किताब नहीं रखा जाता। ज्यादातर लोग लॉकरों का इस्तेमाल अपने गहने व दूसरे जरूरी सामान रखने के लिए करते हैं लेकिन यह सच है कि कई लोग अपनी नकदी भी बैंकों में महफूज कर लेते हैं।
नोटबंदी:अमरोहा में अंतिम संस्‍कार के लिए पैसे जुटाने मुर्दे को ही लाइन में लगाया

नोटबंदी:अमरोहा में अंतिम संस्‍कार के लिए पैसे जुटाने मुर्दे को ही लाइन में लगाया

मोदी सरकार द्वारा पांंच सौ और हज़ार रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का सर्वाधिक असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा है। प्रदेश में काम-धंधे लगभग बंद हैं और रबी की फ़सल की बुआई भी प्रभावित हुई है। स्कूल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी आधी रह गई है। जिसे देखो वही बैंकों की लाइन में लगा है।
काले धन पर आयकर की राशि 60 फीसदी कर सकती है सरकार

काले धन पर आयकर की राशि 60 फीसदी कर सकती है सरकार

कैबिनेट की बैठक में सरकार ने आज यह विचार किया कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों में यदि बड़ी मात्रा में राशि जमा कराई गई हो तो उसपर किस दर से कर लगाया जाए और क्या इसके लिए कानून में संशोधन किया जाए।
कैशलेस लेनदेन के लिए लोगों को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी आंध्र सरकार

कैशलेस लेनदेन के लिए लोगों को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी आंध्र सरकार

आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्‍यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्‍मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्‍ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्‍चर्यजनक तथ्‍य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।
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