सरकार ने दो महीने में तीसरी बार अपने किसी फैसले को पलटते हुए आज कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 8.8 प्रतिशत कर दी है।
यह पहला अवसर है, जबकि केंद्र सरकार का दायां हाथ बाएं हाथ को मरोड़ रहा है। भविष्य निधि की ब्याज दर घटाने पर श्रम मंत्रालय हाहाकार कर रहा है। वह वित्त मंत्रालय के विरूद्ध आवाज उठा रहा है।
आरबीआई ने नीतिगत दरों में बदलाव का ऐलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है, इस तरह अब रेपो रेट घटकर 6.50 फीसदी हो गया है। इस 0.25 फीसदी की कटौती से रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। लेकिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5.75 फीसदी करने का ऐलान किया है।
वेतनभोगी वर्ग की चिंता दूर करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि पीपीएफ निकासी पर कर नहीं लगेगा और बजट प्रस्तावों के तहत सिर्फ कर्मचारियों द्वारा एक अप्रैल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा, वही कर के दायरे में होगा और जबकि मूल राशि पर छूट बरकरार रहेगी।
अभी तक हर मंच पर देश के आर्थिक विकास के बड़े दावे करने वाली सरकार ने अब आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में बड़ी कटौती की है। इसके लिए अब सरकार देश में कमजोर मानसून का हवाला दे रही है हालांकि हाल तक सरकार ये दावा कर रही थी कि कमजोर मानसून से आर्थिक विकास पर बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को मुख्य नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कहा कि आगे गुंजाइश होने पर केंद्रीय बैंक इसमें कटौती करने को प्रतिबद्ध है। गवर्नर ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति की स्थिति पहले के अनुमान से बेहतर रहने की उम्मीद है।
यूजीसी पर कब्जा आंदोलन देश भर में फैल रहा है। छात्रों के बीच आक्रोश उफान पर है। सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन एक तरह से बड़े राजनीतिक सवालों को भी उठा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोने से जुड़ी तीन महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं का मकसद देश में सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाने और घरों तथा अन्य जगहों पर बेकार पड़े करीब 800 अरब डॉलर के 20 हजार टन सोने को उपयोग में लाना है।