शीर्षक को पढ़ कर चौंकिए मत। रक्षाबंधन आने वाला है तो यह मत समझिए कि सोनाक्षी सिन्हा दाऊद इब्राहिम को राखी बांधने जा रही हैं या दाऊद के मन में सोनाक्षी के लिए प्रेम का सागर उमड़ पड़ा है।
भारत-चीन मैत्री के प्रतीक माने जाने वाले डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनीस की 94 वर्षीय बहन मनोरमा कोटनीस का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। परिवारिक सूत्रों ने बताया कि कल रात उपनगरीय विले पार्ले इलाके में स्थित आवास पर मनोरमा कोटनीस ने अंतिम सांस ली।
घने झुरमुटों के बीच मुंबई स्थित रेसकोर्स क्लब पर पसरी वह सुरमई शाम समंदर की लहरों के संग उस वक्त और खुशनुमा हो उठी थी जब जावेद अख्तर के संग जोया अख्तर मंच पर आई और अनिल कपूर से अपने परिवार का परिचय कराने को कहा। मौका था, दिल धडक़ने दो के जश्न का जो ट्रेलर लांच के तुरंत बाद सोशल मीडिया में छा गया है। अनिल कपूर ने अपने बच्चों यानि रणवीर सिंह और प्रियंका को प्यार से गले लगाया तो मंच पर आत्मीय माहौल होने के बावजूद प्रियंका-रणवीर के भाई बहन के इस अवतार को पहचानना मुश्किल नजर आ रहा था।
हरिद्वार के नजदीक बाबा रामदेव के पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क में बुधवार को स्थानीय ट्रक यूनियन और पार्क के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 5 लोग घायल गए हैं। इस मामले में पुलिस ने बाबा रामदेव के भाई रामभरत सहित दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। विवाद फूड पार्क में बाहरी ट्रकों के इस्तेमाल को लेकर शुरू हुआ था। पुलिस ने फूड पार्क से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं।
सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
बॉलीवुड के बैड बॉय की छाप से लेकर फिल्म उद्योग में राज करने वाले सुपरस्टार बनने तक का सलमान खान का सफर अपने साथ जितनी परेशानियां लाया, उतनी ही सौगातें भी लाया। 49 वर्षीय सलमान को बुधवार को मुंबई की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।
दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त यातायात मुक्तेश चंद्र का नाम सुनते ही एक दबंग अंदाज, कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय अधिकारी की छवि उभरकर सामने आती है। लेकिन इस छवि के अलावा मुक्तेश चंद्र की पहचान एक बांसुरी वादक के रुप में भी है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चंद्र से बांसुरी के प्रति उनके लगाव और निष्ठा को लेकर बातचीत की गई। पेश है प्रमुख अंश-