ब्रसेल्स हमलों के बाद भड़की मुस्लिम विरोधी भावनाओं के बीच पोप फ्रांसिस ने मुस्लिम, ईसाई एवं हिंदू शरणार्थियों को एक ही ईश्वर की संतान बताते हुए उनके पैर धोए और उन्हें चूमा।
पुरस्कार न मिलने पर सिर्फ भारत में ही नहीं हॉलीवुड में भी कड़ी प्रतिक्रिया होती है। अभिनेता सिल्वेस्टर स्टेलन को ऑस्कर न मिलने के कारण उनके प्रशंसकों की तरह उनके भाई फ्रैंक भी काफी भड़के हुए हैं। उन्होंने अकादमी को बुरा भला कहा, लेकिन बाद में माफी मांग ली।
स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।
सबसे ज्यादा प्रतीक्षित कार्यक्रम का अवॉर्ड यदि पुस्तक मेले के नाम किया जाए तो भी गलत नहीं होगा। किसी भी पर्व-त्योहार से ज्यादा इस मेले को लेकर उल्लास रहता है। हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी जुटते हैं।
भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।
बॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड फिल्मफेयर के प्रति हमेशा से अलग तरह की चाहत रही है। फिल्मफेयर के 61 साल के इतिहास में पहली बार साधारण दर्शक इसका हिस्सा बन पाएंगे।
अमेरिका में एक भारतीय बुजुर्ग सुरेशभाई पटेल के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के मामले में तीन दिनों के मैराथन विचार-विमर्श के बाद जूरी ने आज फिर से सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा कि सचिन तेंदुलकर अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाए। उन्हें पता नहीं था कि दोहरे , तिहरे शतक या 400 रन कैसे बनाते हैं। हालांकि उनमें इन बुलंदियों को छूने की क्षमता थी लेकिन वह मुंबई स्कूल ऑफ क्रिकेट में फंसे थे।
बाएं हाथ के 37 वर्षीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लेकिन उन्हें हमेशा इसी बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने ही भारतीय गेंदबाजों में विश्वास भरा कि रिवर्स स्विंग पाकिस्तानी गेंदबाजों की बपौती नहीं है।
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान वसीम अकरम पर एक अज्ञात हमलावर ने ताबड़-तोड़ गोलियां बरसाई जब वह कराची के कारसाज क्षेत्र के भीड़ भरे बाजार से गुजर रहे थे। बताया जाता है कि भीड़-भाड़ के कारण उनकी कार को किसी दूसरी गाड़ी ने टक्कर मारी और इसके बाद ही उन पर गोलियां चलाई गईं। हालांकि इस हमले में वह बाल-बाल बच गए हैं।