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ओवैसी की अपील : हिंदुस्‍तान हमारा मुल्‍क है, इस्‍लाम के लिए जियो, मरो नहीं

ओवैसी की अपील : हिंदुस्‍तान हमारा मुल्‍क है, इस्‍लाम के लिए जियो, मरो नहीं

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को देशभर के मुस्लिम युवकों से इस्‍लाम के लिए जीने की अपील की। ओवैसी ने युवकों से कहा इस्‍लाम के लिए जियो, मरो नहीं।
शिवराज सरकार से नाराज संघ

शिवराज सरकार से नाराज संघ

अब तक यह मध्यप्रदेश की सियासी फिजाओं में था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संघ की ट्यूनिंग थोड़ी सी बिगड़ गई है। लेकिन हाल ही में शिवराज की नागपुर यात्रा ने इस बात को बल दे दिया है।
कानपुर में संघ की बैठक, यूपी चुनाव होगा मुख्य मुद्दा

कानपुर में संघ की बैठक, यूपी चुनाव होगा मुख्य मुद्दा

संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक आगामी 11 से 17 जुलाई को कानपुर में होने वाली है। इस बैठक में देश भर के संघ के प्रांत प्रचारक और संघ के आनुषंगिक संगठन हिस्सा लेंगे। संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें हिस्सा लें।
मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

अब समय आ गया है कि इस्‍लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्‍छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर ध्‍यान दें।
सावधान हो जाएं, आर्इएसआईएस का हम अब हो सकते हैं निशाना : रिबेरो

सावधान हो जाएं, आर्इएसआईएस का हम अब हो सकते हैं निशाना : रिबेरो

पंजाब में आतंकवाद के समय वहां के पुलिस महानिदेशक रह चुके जूलियो रिबेरियाेे ने कहा कि भारत अब आईएसआईएस के राडार में हो सकता है। लिहाजा हमें काफी सावधान रहने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंनेे कहा कि अगर आईएसआईएस भारत पर अब हमला करें तो इसमें कोई आश्‍चर्य वाली बात नहीं होगी।
मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

हस्तकला क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का अपना विशेष स्थान है लेकिन वक्त के साथ-साथ शहरीकरण समेत अनेक वजहों के चलते मुसलमान हस्तकला और कुटीर उद्योगों से किनारा कर रहे हैं। इन परंपरागत उद्योगों को जिंदा रखने और मुसलमानों में विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए ‘दि मुस्लिम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की व्यापारिक गतिविधियों विशेष रूप से परंपरागत कला संबंधी लघु उद्योगों को मजबूत करना है।
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड:कल्‍बेे सादिक ने चेताया, शरिया लॉ में दखल बर्दाश्त नहीं होगा

यूनिफॉर्म सिविल कोड:कल्‍बेे सादिक ने चेताया, शरिया लॉ में दखल बर्दाश्त नहीं होगा

यूपी चुनाव को ध्‍यान में रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की भाजपा की तैयारी पर मुस्लिम समाज बिफर सा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि महज वोटों की राजनीति के लिए भाजपा यह मसले को उछाल रही है।
शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

विकास सहित कई अन्‍य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्‍ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
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