प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए आज शोक व्यक्त किया हालांकि लखनऊ की बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में उनके संबोधन के दौरान कुछ छात्राों ने नारेबाजी की।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती पर निशाना साधते हुए उन पर डॉक्टर अंबेडकर के मिशन को कमजोर करने का आरोप लगाया। शिवपाल ने कहा कि अगर बाबा साहब इस वक्त होते तो बसपा मुखिया उन्हें भी पार्टी से निकाल देतीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की याद में 125 रूपये औैर 10 रूपये के स्मारक सिक्के जारी किए। आज बाबा साहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। इस साल सरकार अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मना रही है।
असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याचार की किसी भी घटना को समाज के लिए कलंक बताते हुए आज कहा कि देश के 125 करोड़ लोगों में से किसी की भी देशभक्ति पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है और न ही किसी को हर समय अपनी देशभक्ति का सबूत देने की आवश्यकता है।
संविधान पर संसद में चल रही बहस में आज बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी हिस्सा लिया। राज्यसभा में मायावती ने संविधान पर चर्चा करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत की है। मायावती के इस कदम को अगड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। संंविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का योगदान न होता तो संविधान शायद सामाजिक दस्तावेज न बनता। यह एक कानूनी दस्तावेज ही रह जाता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में शनिवार को भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों के मसीहा बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर को समर्पित एक स्मारक का उद्घाटन किया। डा. अंबेडकर एक छात्र के रूप में अपने ब्रिटेन प्रवास के दौरान 1920 के दशक में यहां रहा करते थे।
भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।