पूर्वोत्तर भारत में आज 6.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया जिससे कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हैं। भूकंप का केंद्र मणिपुर में था जिससे कई इमारतें ढह गईं तथा लोग दहशत में आ गए। भूकंप के 5 घंटे बाद दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 थी। माना जा रहा है ये भूकंप के बाद आने वाले आफ्टर शॉक हैं।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमाई इलाकों में आज एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसमें 89 लोग घायल हो गए। 6.9 तीव्रता के भूकंप के झटकों को अफगानिस्तान पाकिस्तान समेत उत्तर भारत में भी महसूस किया गया।
हिंदूकुश पर्वत में आए 7.5 तीव्रता के जबरदस्त भूकंप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में तबाही मचा दी है। इस भूकंप के झटके उत्तर भारत में भी महसूस किए गए थे। यूएस जियोलोजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप का केंद्र काबुल से 250 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान में करीब 190 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। पाकिस्तान में भूकंप से 150 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। वहीं अफगानिस्तान में भी 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि दोनों देशों में हजारों लोग घायल हो गए हैं।
एनजीओ भारतीय जैन संगठन (बीजेएस) ने नेपाल में 100 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना बनाई थी। लेकिन अब उसने अपना काम बंद कर दिया है क्योंकि वहां के प्रशासन ने कड़ी शर्तों को हटाने से इंकार कर दिया।
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानव तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के फ्लैट से छुड़ाई गई नेपाली मां-बेटियों ने इस त्रासदी की भयानक तस्वीर पेश की है।
भूकंप का केन्द्र इस्लामाबाद के पूर्वोत्तर में महज 15 किलोमीटर दूर मरगल्ला की पहाडि़यों में 26 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। नेपाल में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।