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शक्तिशाली भूकंप के झटकों से हिला पाकिस्तान, 89 लोग घायल

शक्तिशाली भूकंप के झटकों से हिला पाकिस्तान, 89 लोग घायल

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमाई इलाकों में आज एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसमें 89 लोग घायल हो गए। 6.9 तीव्रता के भूकंप के झटकों को अफगानिस्तान पाकिस्तान समेत उत्तर भारत में भी महसूस किया गया।
उत्तराखंड में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 रही तीव्रता

उत्तराखंड में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 रही तीव्रता

देश के खुबसूरत पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के कई हिस्सों में शनिवार के तड़के मध्यम वेग का भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 मापी गई।
भूकंप से अफगानिस्‍तान और पाक में भारी तबाही, सैकड़ों मरे

भूकंप से अफगानिस्‍तान और पाक में भारी तबाही, सैकड़ों मरे

हिंदूकुश पर्वत में आए 7.5 तीव्रता के जबरदस्त भूकंप से अफगानिस्‍तान और पाकिस्तान में तबाही मचा दी है। इस भूकंप के झटके उत्‍तर भारत में भी महसूस किए गए थे। यूएस जियोलोजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप का केंद्र काबुल से 250 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान में करीब 190 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। पाकिस्‍तान में भूकंप से 150 से ज्‍यादा लोगों के मरने की खबर है। वहीं अफगानिस्तान में भी 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि दोनों देशों में हजारों लोग घायल हो गए हैं।
नेपाल छोड़ने को मजबूर भारतीय जैन संगठन

नेपाल छोड़ने को मजबूर भारतीय जैन संगठन

एनजीओ भारतीय जैन संगठन (बीजेएस) ने नेपाल में 100 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना बनाई थी। लेकिन अब उसने अपना काम बंद कर दिया है क्योंकि वहां के प्रशासन ने कड़ी शर्तों को हटाने से इंकार कर दिया।
नेपाली महिलाओं की आपबीती, चाकू की नोक पर होता था रेप

नेपाली महिलाओं की आपबीती, चाकू की नोक पर होता था रेप

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानव तस्‍करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के फ्लैट से छुड़ाई गई नेपाली मां-बेटियों ने इस त्रासदी की भयानक तस्‍वीर पेश की है।
पाकिस्तान, नेपाल में भूकंप के झटके

पाकिस्तान, नेपाल में भूकंप के झटके

भूकंप का केन्द्र इस्लामाबाद के पूर्वोत्तर में महज 15 किलोमीटर दूर मरगल्ला की पहाडि़यों में 26 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। नेपाल में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया
भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
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