मोदी का नया धर्मग्रंथ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में बोलते हुए भूमि अधिग्रहण पर सरकार के रुख में बदलाव के संकेत दिये हैं। उन्होंने अपने भाषण में साम्प्रदायिकता पर भी चोट की और कहा कि देश का संविधान ही उनकी सरकार का धर्मग्रंथ है। वह साम्प्रदायिकता पर बोलते हुए कट्टर हिंदू नेता की छवि से बाहर आने की कोशिश करते हुए दिखाई दिये।