सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, मोदी सरकार से यह प्रेरणा लेने के लिए केवल 16 मुख्यममंत्री मौजूद थे। यानी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कवायद पूरे देश के बजाय अब एनडीए शासित राज्यों तक सिमट जाएगी। लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं।
उच्चतम न्यायालय ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आज केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यह याचिका अध्यादेश के जरिए फिर से लागू भूमि अधिग्रहण कानून की वैधानिकता को चुनौती देते हुए किसानों के एक संगठन दिल्ली ग्रामीण समाज की ओर से दायर की गई थी। न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ और आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने किसानों के संगठन की इस जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
मानसून पूर्व नीति आयोग की राजनीति से लोकसभा के मानूसन सत्र और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर घनघोर काली घटाएं मंडराने लगी हैं। मतलब लोकसभा में गर्जन-तर्जन होगा, बिजली कड़केगी, विपक्ष की बौछार तेज पड़ेे और संसद बाधित होती। 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र से पहले नीति आयोग की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यूरोपीय देश आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान को राहत पैकेज देने पर तैयार हो गए हैं। ब्रसेल्स में करीब 17 घंटे तक चली शिखर वार्ता के बाद यूरोपीय संघ और यूनान के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। पिछले पांच साल में यूनान को मिलने वाला यह तीसरा राहत पैकेज होगा, जिसके साथ कई कठोर शर्ते भी माननी होंगी।
मध्य प्रदेश में किसी किसान की जमीन जबर्दस्ती लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम जानते हैं कि किसान और खेती के बिना हमारा राज्य विकास नहीं कर सकता है। किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। आउटलुक से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह जोर देकर यह कहा कि केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के तहत उनके राज्य में किसानों के साथ कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं की जाएगी, उससे साफ था कि वह किसानों के हिमायती राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के तीन उपमंडलों में सोमवार रात से भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लापता हैं। दार्जिलिंग जिले के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग में 25 स्थानों पर भूस्खलन की खबर है।