ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कोयला खनन परियोजना को एक और झटका लगा है। पर्यावरण मंजूरी रद्द होने के बाद अब अॉस्ट्रेलिया के बैंक ने परियोजनाओं से नाता तोड़ लिया है।
केंद्र सरकार की उत्तर पूर्व पर ध्यान देने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश के साथ दशकों से अटके पड़े भूमि समझौते को अंजाम दिया और अब नगालैंड में शांति बहाल करने के लिए वहां के प्रभावशाली संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) (आईएम) के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के बाद अब नगालैंड में बंदूकों की आवाजें खामोश हो जाएंगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।
भूमि अधिग्रहण विधेयक की पड़ताल करने वाली संसद की संयुक्त समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए और चार दिन का समय दे दिया गया है। समिति की हाल ही में हुई बैठक में रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच अगस्त तक दो और दिन का विस्तार मांगे जाने का फैसला किया गया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण समिति की बैठक दो दिन तक नहीं हो सकी, इसलिए सात अगस्त तक का समय विस्तार मांगने का फैसला किया गया।
भारत और बांग्लादेश के बीच 162 एनक्लेव की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। भारत ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है। आजादी के बाद से ये मुद्दा लंबित था।
चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
कांग्रेस पार्टी जहां एनडीए सरकार को संसद के अंदर घेरने में जुटी है वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के बाहर भी मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा उन्होंने दक्षिण भारत में खोला है जहां वह आम लोगों के बीच सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे हैं। गुरुवार से शुरू हुआ उनका दक्षिण भारत अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में विवादास्पद भूमि विधेयक को लेकर राजग सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु की यात्रा के बाद आंध्र प्रदेश में किसानाें और बुनकरों से मिलेंगे। गुरुवार को राहुल तमिलनाडु में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे उसके बाद शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के दौरे पर जाएंगे। संसद सत्र के बीच दक्षिण के दो राज्याें का राहुल का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
संसद सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है, इसके अलावा ललित मोदी और व्यापमं घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की लेकिन सरकार की ओर से इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी पूरी कर ली है।