भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी नीतियों को क्रांतिकारी करार देते हुए लोगों से 2019 में उनकी सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की महिला नेता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कांग्रेस की बदरपुर जिला अध्यक्ष रचना सचदेव ने अजय माकन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। रचना सचदेव का कहना है कि अजय माकन ने उन्हें मानसिक तौर पर काफी प्रताड़ित किया है।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने ईवीएम को लेकर देशभर में छिड़ी बहस का विरोध किया है। उन्होंने ईवीएम का समर्थन करते हुए, इसको लेकर हो रहे विरोध को बेकार बताया है। उन्होंने कहा कि हम इवीएम में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए कमेटी बना सकते हैं, लेकिन दोबारा पुरानी प्रक्रिया से चुनाव कराने का सवाल नहीं उठता।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास का हृदय घात होने से निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे, बुधवार सुबह लारी कार्डियोलॉजी में उन्होंने आखिरी सांसें ली। लम्बे समय से उन्हें शुगर की भी बीमारी थी। अखिलेश दास के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थकों का घर के बाहर हुजूम लगा हुआ है।
अलीगढ़ में भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर किए गए विवादित बयान को लेकर टीएमसी नेता सौगत रॉय ने भाजपा नेता पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सौगत रॉय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का सिर मांगने वाले नेता पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
दिल्ली भाजपा में उठापटक का दौर लगातार बना हुआ है। नगर निगम चुनाव के दौरान पार्टी को अंदरुनी कलह से बचाने की जिम्मेदारी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को दी गई है। जबकि दो वरिष्ठ नेताओं दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू व संगठन सचिव सिद्धार्थन को दरकिनार कर दिया गया है।
दिल्ली निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए असंतुष्टों का दल बदलने का खेल भी तेज हो गया है। कांग्रेस नेता व डिप्टी मेयर रह चुकी रजिया सुल्ताना व पूर्व पार्षद जमीर अहमद मुन्ना ने आप का दामन थाम लिया है। इससे पार्टी को खासा झटका लगा है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि वे मानहानि के मुकदमे की धमकी से डरने वाले नहीं हैं और अपने बयान पर कायम हैं।
उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सोमवार को इनकार किया जिसमें यह प्रश्न किया गया था कि क्या गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जा सकती है तथा सुनवाई के किस स्तर पर किसी सांसद को अयोग्य माना जा सकता है।