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उज्जैन: सिंहस्थ कुंभ में भारी आंधी-तूफान से 6 की मौत, कई घायल

उज्जैन: सिंहस्थ कुंभ में भारी आंधी-तूफान से 6 की मौत, कई घायल

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले में तेज आंधी-बारिश आने और बिजली गिरने से 6 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
लापरवाही से हुई युवक की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

लापरवाही से हुई युवक की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

भोपाल में राज्य विधानसभा भवन के पास ही दुर्घटना के शिकार हुए युवक के प्रति पुलिस की असंवेदनशीलता और डॉक्टरी लापरवाही के चलते मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सचिवालय भर्ती घोटाला: दिग्विजय सिंह को मिली कोर्ट से जमानत

सचिवालय भर्ती घोटाला: दिग्विजय सिंह को मिली कोर्ट से जमानत

मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के भर्ती घोटाला मामले में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को भोपाल की एक स्थानीय अदालत से जमानत मिल गई। यह मामला उस समय का है, जब सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
छाप तिलक की अनूगूंज स्मृतियों में समाहित है

छाप तिलक की अनूगूंज स्मृतियों में समाहित है

अमर प्रेम के प्रतीक स्मृतियों की प्रतिध्वनी ऐतिहासिक महलों से निकलकर जब मंच से गूंजती है, तो वह अपने दीर्घ अनुभवों के प्रकाट्य स्वर बनकर आयोजन की सार्थकता को सिद्ध करती हैं।
व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

एक गैर सरकारी संगठन का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापमं और डीमैट घोटाले के मामलों में सीबीआई जांच से बचने के लिए वरिष्ठ वकीलों की सेवाएं लीं। यही नहीं राज्य सरकार ने इसके लिए अपने ही विधि विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया और सेवा के लिए उन वकीलों को सवा करोड़ रुपये का भुगतान भी किया।
क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

धर्म या संप्रदाय की स्वनिर्मित अवधारणाओं के आधार पर अस्मिता या राष्ट्रीयता को परिभाषित करने वाली विचारधारात्मक सनक के हाथों भिन्न विचारों और आस्था वाले लोगों के साथ हिंसा और प्रताड़ना के आजादी के बाद से चले आ रहे सिलसिले को देखता हूं तो सोचता हूं, इस देश में कौन सुरक्षित है?
विश्व हिंदी सम्मेलन कथा

विश्व हिंदी सम्मेलन कथा

झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।
वनमाली स्मृति व्याख्यानमाला

वनमाली स्मृति व्याख्यानमाला

‘कभी जीवन का सर्वांगीण विकास करने वाली शिक्षा आज तरक्की के नाम पर पूंजीवाद की गिरफ्त में है। संस्कारों की पहली पाठशाला घर-परिवार थे, जो अब सन्नाटे फांक रहे हैं और पाठशालाएं गोडाउन बन गई हैं जहां बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। मुनाफे का सौदा बन चुकी शिक्षा का आदर्श अब बाजार के बीहड़ में बिला गया है।’ फिल्म समीक्षक और चिंतक जयप्रकाश चौकसे ने इस आशय के विचार खंडवा में आयोजित वनमाली व्याख्यानमाला में व्यक्त किए।