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संविधान की धज्जियां उड़ा रही है मोदी सरकार: सोनिया गांधी

संविधान की धज्जियां उड़ा रही है मोदी सरकार: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में वह लोकप्रिय जनादेश का अनादर कर रही है और चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
संघ की कानुपर बैठक में मिशन यूपी और मंदिर

संघ की कानुपर बैठक में मिशन यूपी और मंदिर

छह दिवसीय संघ की बैठक इन दिनों चर्चा में है। मिशन यूपी और मिशन मंदिर पर भी मंथन हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम और उद्देश्यों के बारे में बात की।
शिवसेना ने कसा तंज : नेहरू और इंदिरा के मंत्री मोदी के मंत्रियों से कहीं बेहतर

शिवसेना ने कसा तंज : नेहरू और इंदिरा के मंत्री मोदी के मंत्रियों से कहीं बेहतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें फेरबदल के एक दिन बाद राजग की सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को भाजपा पर कटाक्ष किया कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडलों में काम करने वाले लोगों की तरह क्षमतावान लोगों को खोजना इन दिनों बहुत मुश्किल है।
कांग्रेस बोली, महंगाई पर मनमोहन पर हमला करने वाली भाजपा अब क्‍यों है चुप

कांग्रेस बोली, महंगाई पर मनमोहन पर हमला करने वाली भाजपा अब क्‍यों है चुप

देश में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बीच पंजाब कांग्रेस ने कहा कि महंगाई पर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगने वाली भारताीय जनता पार्टी अब मसले पर चुप क्यों है। देश में खाने पीने की चीजों के दामोंं में बेतरतीब बढ़ाेतरी हो रही है। ऐसे में भाजपा को इस पर देशवासियों को कुछ तो बताना चाहिए कि आखिर महंगाई क्‍यों बढ़ रही है।
चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

नरसिंह राव भारत के सर्वाधिक विवादास्पद प्रधानमंत्री होने के साथ आजादी के बाद आर्थिक क्रांति के जनक माने जाते हैं। राव के राजनीतिक जीवन और कार्यकाल पर बहुत कुछ लिखा-छपा है लेकिन इस सप्ताह युवा प्रोफेसर और पत्रकार विनय सीतापति की नई पुस्तक हाफ लॉयन: हाऊ पी.वी. नरसिंह राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों, पत्रों और भेंटवार्ताओं के जरिये राव के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई पहलुओं की चर्चा हो रही है।
मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सलाहकार रहे टीकेए नायर की बेटी और दामाद से जुड़ी कंपनी में खाड़ी के देश से 45 करोड़ रुपये आने का आरोप लग रहा है। कमाल की बात है कि कंपनी जिस उद्देश्य से बनाई गई थी वैसा कोई काम भी नहीं कर रही है।
चर्चाः वेतन बढ़ाने के साथ रिश्वतखोरों को सजा जरूरी | आलोक मेहता

चर्चाः वेतन बढ़ाने के साथ रिश्वतखोरों को सजा जरूरी | आलोक मेहता

मेहरबान मोदी सरकार ने केंद्र सरकार से जुड़े 47 लाख कर्मचारियों का वेतन ढाई गुना बढ़ा दिया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अधिकारियों-सचिवों ने रिकार्ड तोड़ फुर्ती से वेतन बढ़ोतरी का इंतजाम कर दिया। फिर भी कर्मचारी संगठन पूरी तरह संतुष्‍ट नहीं हैं।
नरसिंह राव काल के 55 कांग्रेस सांसद उदारीकरण के खिलाफ थे

नरसिंह राव काल के 55 कांग्रेस सांसद उदारीकरण के खिलाफ थे

पी.वी. नरसिंह राव ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान खुफिया ब्यूरो (आईबी) का इस्तेमाल सोनिया गांधी समेत अपनी ही पार्टी के नेताओं की जासूसी के लिए किया था और यही नहीं, वह अपनी सरकार के महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधार नीतियों पर भी सांसदों की पसंद नापसंद जानने के लिए आईबी का जमकर इस्तेमाल करते रहे थे।
देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

ये तो सभी जानते हैं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव और उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की जोड़ी ने देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की और देश को आर्थिक बदहाली से उबार लिया मगर यह बहुत कम लोगों को पता है राव दरअसल चीन के अपने समय के सबसे शक्तिशाली कम्युनिस्ट नेता देंग श्याओ पिंग से बेहद प्रभावित थे और उनसे मिलना चाहते थे मगर राजीव गांधी जब देश के प्रधानमंत्री थे तो राव को विदेश मंत्री होने के बावजूद अपने साथ चीन नहीं ले गए।
चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

21 जून को योग दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने का एक कारण दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति की पहचान भी है। बाहर वालों को ध्यान नहीं आएगा, लेकिन भारतीयों को याद आ जाना चाहिए कि 21 जून, 1991 को आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव की नींव राष्ट्रपति भवन में रखी गई थी।
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