भारत ने धर्मशाला में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के एक प्रमुख असंतुष्ट नेता को दिया गया वीजा संभवत: चीन की कड़ी आपत्ति की वजह से रद्द कर दिया है।
भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी चीन यात्रा के दौरान आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में चीन के वीटो का मुद्दा जोर-शोर से उठाया हो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मंगलवार से शुरू हुई अपनी चीन यात्रा में इस मुद्दे का उठाने वाले हों मगर चीन ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र से अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के प्रयास को रोकने का उसका फैसला तथ्यों और संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करवाने के भारत के प्रयास को चीन की ओर से बाधित किए जाने का मुद्दा आज अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष पुरजोर ढंग से उठाया। सुषमा ने रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक से इतर वांग के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठाया।
भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पांच दिन की अपनी पहली चीन यात्रा पर आज रवाना होंगे। पर्रिकर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा विफल कर देने की वजह से दोनों देशों के बीच नए सिरे से तनाव आ गया है।
भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन की जीवनी पर बन रही फिल्म अजहर में उनकी भूमिका को जीवंत करना इमरान हाशमी के लिए एक चुनौती था। इस फिल्म में मैच फिक्सिंग कांड में पूर्व कप्तान की भूमिका का घटनाक्रम दिखाया गया है।
भारत कुछ समय से विश्व के नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश कर रहा है और काफी हद तक वह इसमें सफल भी रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मीटिंग के दौरान जिस तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व के नेताओं को एकजुट करके उनसे एक साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने का आश्वासन मिला वह काबिले तारीफ है।
भारत ने कहा है कि वह इस बात को लेकर निराश है कि पठानकोट आतंकवादी हमले के मुख्य षडयंत्रकर्ता एवं जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में शामिल कराने संबंधी उसके आवेदन पर तकनीकी रोक लगा दी गई है।
पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि वह मुंबई हमले की सुनवाई कर रही आतंकवाद विरोधी अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए सभी 24 भारतीय गवाहों को पाकिस्तान भेजे।
भारत-पाक वार्ता के संबंध में भारत ने संकेत दिया है कि पठानकोट हमले की पृष्ठभूमि में वार्ताओं से ज्यादा प्राथमिकता पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को दी जाएगी। पठानकोट हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ताएं स्थगित हो गई थीं।